हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ मंगलवार 27 मई 2025
दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दक्षिण-पश्चिम जिले में एक विशेष अभियान के तहत 92 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को दी। इस अभियान की शुरुआत 26 दिसंबर 2024 से हुई थी, जिसके बाद से अब तक इस जिले में हिरासत में लिए गए बांग्लादेशी नागरिकों की कुल संख्या 142 हो गई है।
10 दिन चले अभियान में घर-घर जांच
पुलिस ने बताया कि यह अभियान खुफिया सूचनाओं और स्थानीय मुखबिरों की मदद से चलाया गया। अभियान के तहत पुलिस ने सरोजिनी नगर, किशनगढ़, सफदरजंग एनक्लेव, वसंत कुंज (उत्तर और दक्षिण), कापसहेड़ा, पालम गांव, दिल्ली छावनी, सागरपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में घर-घर जाकर लोगों का सत्यापन किया। इसके चलते कई बांग्लादेशी नागरिकों का पता चला और उन्हें हिरासत में लिया गया।
हिरासत में लिए गए बांग्लादेशी नागरिकों ने किया अवैध प्रवेश स्वीकार
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि हिरासत में लिए गए बांग्लादेशी नागरिकों ने पूछताछ में माना कि वे अवैध मार्गों से भारत में आए हैं। इनमें से कुछ ने नदियों के रास्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पार की जबकि कई ने बाड़बंदी में बने फासलों से घुसपैठ की। पूछताछ में वे भारत में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहे, हालांकि कई के पास बांग्लादेशी नागरिक होने के दस्तावेज मिले।
दिहाड़ी मजदूर और घरेलू सहायकों के रूप में काम कर रहे थे
पुलिस के अनुसार अधिकांश हिरासत में लिए गए लोग कई वर्षों से दिल्ली में रह रहे थे और दिहाड़ी मजदूर या घरेलू सहायकों के रूप में काम कर रहे थे। इनमें से कई लोग स्थानीय समाज के बीच रहकर सामान्य जीवन जी रहे थे।
दिल्ली छावनी से 4 सदस्यीय बांग्लादेशी परिवार भी गिरफ्तार
एक अलग अभियान के दौरान दिल्ली छावनी इलाके से एक बांग्लादेशी दंपति और उनके दो बच्चों को भी हिरासत में लिया गया। डीसीपी ने बताया कि 44 वर्षीय मोहम्मद असद अली, उनकी 40 वर्षीय पत्नी नसीमा बेगम, 18 वर्षीय पुत्र मोहम्मद नईम खान और 13 वर्षीय बेटी आशा मोनी पिछले 12 वर्षों से अवैध रूप से दिल्ली छावनी में रह रहे थे।
आगे की कानूनी कार्रवाई जारी
पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनका वीजा समाप्त हो चुका है या वे भारत में रहने के लिए वैध अनुमति नहीं रखते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अभियान जारी रहेंगे ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान कर उनका दमन किया जा सके।