हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 10 Aug 2025
अलीगढ़: आज सुबह मथुरा रोड स्थित ए टू जेड कूड़ा निस्तारण कंपनी के गेट पर स्थानीय निवासियों ने कंपनी को हटाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस केंद्र के कारण क्षेत्र में सड़कें उखड़ रही हैं और उठने वाली दुर्गंध से सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। उनका कहना है कि यह समस्या केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे सासनी गेट क्षेत्र की है, और प्रशासन को तत्काल इस केंद्र को यहां से हटाना चाहिए।
प्रदर्शन की शुरुआत और नारेबाजी
प्रदर्शन सुबह लगभग 9 बजे शुरू हुआ और दोपहर बाद तक जारी रहा। इस दौरान “नगर निगम मुर्दाबाद” और “मेयर मुर्दाबाद” जैसे नारे गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने ही वोट देकर मेयर को चुना, लेकिन जब उनके घर के दरवाजे पर दुर्गंध और प्रदूषण जैसी समस्या है, तो कोई जनप्रतिनिधि उनकी सुनवाई के लिए नहीं आ रहा।
सड़क जाम और यातायात बाधित
प्रदर्शन के दौरान आवेशित भीड़ ने मथुरा रोड को जाम कर दिया, जिससे ट्रैफिक ठप हो गया और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ अपनी मांगों पर अड़ी रही।

स्वास्थ्य पर खतरा और बढ़ती बीमारियां
स्थानीय लोगों ने बताया कि कूड़े से उठने वाली दुर्गंध के कारण सांस के मरीजों को खास दिक्कत हो रही है और क्षेत्र में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उनका कहना है कि इस केंद्र के पास रहना असहनीय हो गया है और यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है।

पुलिस कार्रवाई और थाने में गर्मागर्मी
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक प्रदर्शनकारी को हिरासत में लिया। हिंदुस्तान मिरर के संवाददाता संजय सक्सेना के अनुसार, थाने में एएसपी और प्रदर्शनकारियों के बीच लंबे समय तक तीखी बहस हुई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप भी लगाया।
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
दोपहर बाद जाम खुल सका और यातायात सुचारू हो गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि यह आंदोलन कूड़ा निस्तारण केंद्र को हटाए जाने तक जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस बार भी उनकी आवाज जनप्रतिनिधियों तक नहीं पहुंची, तो आगे और भी बड़े स्तर पर विरोध होगा।
जनप्रतिनिधियों पर सवाल
प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन नेताओं को उन्होंने वोट देकर सिंहासन पर बैठाया, उनमें से कोई भी उनकी समस्या सुनने नहीं आया। उनका कहना है कि पूरे क्षेत्र को इस दुर्गंध से मुक्ति दिलाना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, और अब समय आ गया है कि वे इस समस्या के निवारण के लिए कदम उठाएं।