हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 1 मई : 2025,
जातिगत जनगणना पर केंद्र की घोषणा, AAP ने उठाए गंभीर सवाल – बीजेपी पर “चुनावी टूल” के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप
AAP का केंद्र पर हमला: ‘जातीय जनगणना समाज की ज़रूरत, ना कि चुनावी एजेंडा’
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में देशभर में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस कदम का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि जातीय जनगणना एक अत्यंत गंभीर सामाजिक आवश्यकता है, लेकिन बीजेपी इसे केवल चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।
AAP ने उठाया सवाल: टाइमलाइन क्यों नहीं बताई गई?
AAP ने कहा कि सरकार ने महिला आरक्षण की तरह ही इस घोषणा को भी सिर्फ एक ‘हेडलाइन्स मैनेजमेंट’ के तौर पर किया है, जबकि अब तक कोई स्पष्ट टाइमलाइन नहीं दी गई है। पार्टी के अनुसार, बीजेपी इस गंभीर विषय को भी सियासी मोड़ देने की कोशिश कर रही है।
AAP प्रवक्ता ने कहा –
“सरकार को समझना होगा कि जातीय जनगणना राजनीति का विषय नहीं, समाज की ज़रूरत है। क्या यह सिर्फ बहस की दिशा बदलने की कोशिश है?”
आतंकी हमलों से ध्यान भटकाने का आरोप
AAP नेता अनुराग ढांडा ने सवाल उठाया कि क्या सरकार 27 लोगों की दर्दनाक हत्या और आतंकियों द्वारा सीमा के 250 किलोमीटर अंदर घुसकर हमले करने के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है?
उन्होंने कहा –
“पूरा देश उम्मीद कर रहा था कि सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने की योजना बताएगी, लेकिन इसकी बजाय सरकार जातीय जनगणना की घोषणा करके चर्चा को दूसरी दिशा में मोड़ रही है।”
AAP ने दोहराई पुरानी मांग
आम आदमी पार्टी ने दोहराया कि वह शुरुआत से ही जातीय जनगणना की पक्षधर रही है और समय-समय पर इसकी मांग करती रही है। अनुराग ढांडा ने कहा कि केवल AAP ही नहीं, बल्कि अधिकतर विपक्षी दल जातिगत आंकड़ों को सामने लाने के पक्ष में हैं, ताकि नीति निर्धारण अधिक न्यायपूर्ण तरीके से किया जा सके।
क्या यह सिर्फ चुनावी रणनीति है?
AAP नेताओं का कहना है कि बीजेपी पहले इस मुद्दे पर चुप थी और अब अचानक चुनाव के वक्त जातीय जनगणना की घोषणा करना यह दर्शाता है कि यह कदम केवल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उठाया गया है, न कि वास्तविक सामाजिक न्याय की भावना से।