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उत्तर प्रदेश में इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा: बांध और जलाशय बनेंगे नए पर्यटन केंद्र

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 19 अप्रैल: 2025,

सरकार की नई पहल: प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पर्यटन और रोजगार के लिए

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब राज्य के प्राकृतिक संसाधनों—विशेषकर बांधों और जलाशयों—को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने जा रही है। इसका उद्देश्य न केवल पर्यटकों को आकर्षित करना है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना भी है। यह कदम राज्य में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

इन जिलों में होंगे पर्यटन गतिविधियों के केंद्र

सरकार ने योजना के तहत प्रदेश के सात प्रमुख जिलों को चुना है, जहां मौजूद जलाशयों और बांधों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। चयनित स्थल हैं:

  • चित्रकूट – गुन्ता बांध
  • महोबा – अर्जुन डैम
  • सोनभद्र – धंधरौल डैम
  • हमीरपुर – मौदहा डैम
  • झांसी – गढ़मऊ झील
  • सिद्धार्थनगर – मझौली सागर
  • बांदा – नवाब टैंक

इन स्थलों पर विशेष रूप से बोटिंग, वाटर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग, कैंपिंग और रिसॉर्ट्स जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

प्राकृतिक सौंदर्य के साथ रोमांच का अनुभव

इस योजना के अंतर्गत पर्यटकों को केवल प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं, बल्कि रोमांच और साहसिक गतिविधियों का भी अनुभव मिलेगा। यह पहल युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें गाइड, होमस्टे संचालक, नाविक, और लोक कला से जुड़ी गतिविधियों में रोजगार दिलाने में भी सहायक होगी।

तकनीकी सहायता और सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग इस योजना को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है ताकि बांधों की संरचना और सुरक्षा प्रभावित न हो। सभी पर्यटन गतिविधियां पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों के अनुसार ही संचालित की जाएंगी।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई ऊर्जा

इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी सेवाएं, गाइडिंग, हैंडीक्राफ्ट और लोक कलाओं के क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा। इसके साथ ही, इन क्षेत्रों की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनने की संभावना है।

पर्यटन के विविध रूपों की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही काशी, अयोध्या और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर पर्यटन के क्षेत्र में भारी निवेश कर चुकी है। अब सरकार प्राकृतिक और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देकर स्पष्ट संकेत दे रही है कि वह पर्यटन के सभी रूपों को विकसित करना चाहती है।

इस योजना के सफल क्रियान्वयन के साथ ही उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश न केवल धार्मिक, बल्कि प्राकृतिक पर्यटन के क्षेत्र में भी एक प्रमुख राज्य के रूप में उभरेगा।

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