हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 24 जुलाई 2025
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने IMPS (Immediate Payment Service) लेनदेन पर शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह नया नियम 15 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। अब यदि कोई ग्राहक 25 हजार रुपये से अधिक राशि तुरंत ट्रांसफर करता है, तो उसे तय शुल्क देना होगा।
क्या है नया नियम?
अभी तक SBI 1,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की IMPS ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं लेता था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। 25,000 रुपये से ऊपर की रकम भेजने पर ग्राहकों को शुल्क चुकाना पड़ेगा।
- ₹25,000 से ₹1 लाख तक की IMPS ट्रांजैक्शन पर ₹2 शुल्क लगेगा।
- ₹1 लाख से ₹2 लाख तक की राशि पर भी ₹2 ही शुल्क होगा।
- जबकि ₹2 लाख से ₹5 लाख तक भेजने पर ₹10 शुल्क लिया जाएगा।
- इन सभी शुल्कों पर अतिरिक्त जीएसटी भी लागू होगा।
यह शुल्क केवल डिजिटल IMPS लेनदेन (जैसे YONO, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग) पर लागू होंगे। वहीं, बैंक शाखा से किए गए IMPS ट्रांजैक्शन पर पहले से ही शुल्क लिया जा रहा है और यह व्यवस्था जारी रहेगी।
किन खातों को मिलेगी राहत?
SBI ने साफ किया है कि कुछ श्रेणियों के खातों जैसे शौर्य पारिवारिक पेंशन खातों पर यह शुल्क शून्य रहेगा। यानी इन खातों से लेनदेन पर कोई अतिरिक्त रकम नहीं देनी होगी।
क्या हो सकता है असर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कदम से बड़ी रकम के तत्काल लेनदेन करने वाले ग्राहकों पर असर पड़ेगा। हालांकि, शुल्क की राशि कम है, फिर भी यह बदलाव लाखों ग्राहकों को प्रभावित करेगा।
अनुमान है कि अन्य बैंक भी जल्द ही SBI के इस मॉडल को अपनाकर IMPS पर शुल्क लागू कर सकते हैं, जिससे पूरे बैंकिंग सेक्टर में एक समानता आ सके।
ग्राहकों को अब 15 अगस्त के बाद IMPS के जरिए बड़ी राशि भेजते समय शुल्क का ध्यान रखना होगा। डिजिटल लेनदेन करते समय शुल्क विवरण को पढ़ना और समझना जरूरी होगा, ताकि कोई अनावश्यक खर्च न हो।