हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़। लोधा क्षेत्र में लोगों से मदद के नाम पर रुपये वसूलने वाली युवतियों का गैंग अचानक गायब हो गया है। मंगलवार को जिलेभर में सड़कों और हाईवे पर पुलिस गश्त के बावजूद कोई युवती नजर नहीं आई। जिले के सभी थाना क्षेत्रों में दिन और शाम को पुलिस टीम भ्रमण कर रही है, लेकिन कहीं भी इनकी गतिविधि नहीं दिखी।
धर्मशाला में भी नहीं मिली संदिग्ध महिलाएं
सूचना मिली थी कि कुछ महिलाएं दुबे के पड़ाव स्थित जानकीबाई धर्मशाला में हर साल ठहरती हैं। सोमवार को पुलिस ने वहां जांच की तो आठ महिलाएं अपने परिवार के साथ मिलीं। सत्यापन में पता चला कि वे दिल्ली से किताबें बेचने आती हैं। पुलिस ने उन्हें हिदायत दी, जिसके बाद मंगलवार को वे मकान खाली कर लौट गईं।
सोशल मीडिया वीडियो से शुरू हुई चर्चा
मामला उस समय चर्चा में आया जब 3 अगस्त को गौंडा कस्बा निवासी डिजिटल क्रिएटर कैलाश चौधरी ने एक वीडियो जारी किया। इसमें लोधा क्षेत्र के फगोई गांव के पास पांच-छह युवतियां हाथ में कागज लेकर राहगीरों से बाढ़ प्रभावित बच्चों की मदद के नाम पर रुपये मांग रही थीं। वे 50 से 500 रुपये तक ले रही थीं, लेकिन सवाल पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं और वहां से चली गईं।
8 अगस्त को कैलाश ने लोधा क्षेत्र के खैर रोड पर फिर से तीन युवतियों को इसी तरह रुपये मांगते देखा और वीडियो अपने चैनल पर डाला। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही लोगों ने आशंका जताई कि ये बांग्लादेशी या रोहिंग्या हो सकती हैं और कार्रवाई की मांग की।
पुलिस अलर्ट पर, लेकिन शिकायत नहीं
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने जिलेभर में गश्त बढ़ा दी, परंतु तीसरे दिन तक किसी ने भी इस गैंग के बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। फिलहाल पुलिस सतर्क है और संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रख रही है।