हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 8 मई : 2025,
आगरा। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस कड़ी में विश्व प्रसिद्ध धरोहर ताजमहल पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सीआईएसएफ के जवानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, जबकि बैरिकेडिंग पर सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। पाकिस्तानी हमले की आशंका को देखते हुए ताजमहल समेत अन्य ऐतिहासिक स्मारकों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।
सीआईएसएफ का सख्त पहरा, बढ़ी बैरिकेडिंग चेकिंग
ताजमहल के चारों ओर के मार्गों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है, जहाँ प्रत्येक आने-जाने वाले की कड़ी जांच की जा रही है। लोगों के पहचान पत्र जांचे जा रहे हैं, वहीं वाहनों की भी तलाशी ली जा रही है। बुधवार को पूरे दिन यह सघन जांच अभियान जारी रहा।
सीआईएसएफ के जवान परिसर में चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
नवागत अधीक्षण पुरातत्वविद का निरीक्षण, मॉक ड्रिल से परखी गई तैयारी
नवीन अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. स्मिथा एस. कुमार ने बुधवार को ताजमहल और फतेहपुर सीकरी का निरीक्षण किया। ताजमहल परिसर में रॉयल गेट से लेकर मुख्य गुंबद तक सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। इसके साथ ही शाम को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें किसी हमले की स्थिति को दर्शाते हुए पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया। इस दौरान सायरन बजते ही सीआईएसएफ और एएसआई कर्मचारी सक्रिय हो गए। घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुँचाने का प्रदर्शन भी किया गया।
हर दो घंटे में विदेशी पर्यटकों की जानकारी प्रशासन को
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि प्रशासन के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विदेशी पर्यटकों की जानकारी हर दो घंटे में प्रशासन को दी जाएगी। अब तक यह जानकारी 24 घंटे में दी जाती थी। इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिक के आगरा आने की स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
होटलों को आपात स्थिति में निशुल्क उपलब्ध कराने की भी सहमति दी गई है, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर ताजमहल पर आने वाले पर्यटकों की संख्या पर भी पड़ा है। बुधवार को ताजमहल में केवल 12,245 पर्यटक पहुंचे, जिनमें से सिर्फ 932 विदेशी पर्यटक थे। आम दिनों में विदेशी पर्यटकों की संख्या 3,000 तक होती है। औसतन प्रतिदिन 28,000 पर्यटक ताजमहल का दीदार करते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में यह संख्या आधे से भी कम हो चुकी है।
इतिहास भी गवाह: 1971 में भी ताजमहल था खतरे में
गौरतलब है कि 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भी ताजमहल को खतरे की आशंका थी। उस समय इसे सुरक्षा के लिहाज से काले कपड़े से दो सप्ताह तक ढक दिया गया था। युद्ध में भारत की जीत के बाद ही उस पर से काला आवरण हटाया गया था।

















