हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदुओं को भारतीय धरती पर वही अधिकार है जो देश के नागरिकों को है। उन्होंने शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर भी स्पष्ट किया। शाह ने कहा कि शरणार्थी अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आते हैं, जबकि घुसपैठी आर्थिक या अन्य कारणों से अवैध रूप से सीमा पार करते हैं।
शाह ने कहा, “जब देश का बंटवारा हुआ, तो नेहरू-लियाकत समझौते के तहत पाकिस्तान में हिंदुओं को भारत में शरण देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद की सरकारें इसे पूरा करने में विफल रहीं। मोदी सरकार ने इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के माध्यम से पूरा किया।” उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में वोट का अधिकार केवल नागरिकों को ही होना चाहिए और कोई भी विदेशी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं चुन सकता।
गृह मंत्री ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में हिंदू आबादी में गिरावट का कारण धर्मांतरण नहीं है, बल्कि बड़ी संख्या में हिंदू भारत में शरण लेने चले आए हैं। वहीं, उन्होंने दावा किया कि भारत में मुस्लिम आबादी में वृद्धि प्रजनन दर के कारण नहीं, बल्कि घुसपैठ के कारण हुई है। शाह ने बताया कि देश में मुस्लिम आबादी 24.6% बढ़ी, जबकि हिंदू आबादी में 4.5% की कमी आई। उनका कहना था कि यह गिरावट प्रजनन दर के कारण नहीं बल्कि घुसपैठ के कारण है।
अमित शाह ने बीते कई दशकों की जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1951 से 2011 तक धर्मों के अनुसार आबादी में असमान वृद्धि घुसपैठ के कारण हुई। उन्होंने BJP सरकार की तीन नीति “पता लगाओ, हटाओ और निर्वासित करो” का उल्लेख किया। उनका कहना था कि सरकार घुसपैठियों की पहचान करेगी, उन्हें वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा और उन्हें उनके देश में वापस भेजा जाएगा।
शाह ने CAA और SIR (State Intelligence Report) का भी समर्थन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि CAA किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या किसी अन्य समुदाय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।
गृह मंत्री का यह बयान भारत में नागरिकता, शरणार्थियों और अवैध घुसपैठ को लेकर भाजपा की स्पष्ट नीति को दोहराता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में वोट का अधिकार केवल देश के नागरिकों को ही मिलना चाहिए और विदेशी किसी तरह के चुनावी अधिकार नहीं रख सकते।













