हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
महू (मध्य प्रदेश), 26 अगस्त 2025 – मध्यप्रदेश के महू में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय रण संवाद में पहली बार थल सेना, जल सेना और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी एक मंच पर जुटे। इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने देश की सुरक्षा रणनीतियों, सैन्य नवाचार और भविष्य की युद्ध पद्धति पर विचार रखते हुए कई अहम बातें कहीं।
सीडीएस जनरल चौहान ने स्पष्ट कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि हम शांतिवादी हैं। उन्होंने लैटिन उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा – “अगर आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहें।”
शस्त्र और शास्त्र का संतुलन
जनरल चौहान ने भारतीय परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा कि हमने हमेशा ‘शस्त्र और शास्त्र’ दोनों को समान महत्व दिया है। उन्होंने महाभारत का उल्लेख कर बताया कि अर्जुन महान योद्धा थे, लेकिन उन्हें विजय की राह दिखाने के लिए कृष्ण जैसे मार्गदर्शक की आवश्यकता थी। इसी तरह, चंद्रगुप्त मौर्य को साम्राज्य निर्माण में चाणक्य की बुद्धि ने मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि भारत बुद्ध, महावीर और गांधी जैसे महापुरुषों की भूमि है, जिन्होंने अहिंसा का संदेश दिया, लेकिन जरूरत पड़ने पर भारत अपने बल पर खड़ा होना भी जानता है।
ऑपरेशन सिंदूर और नई तकनीकी तैयारी
रण संवाद में बोलते हुए CDS ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन एक आधुनिक संघर्ष था जिससे भारत ने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे। इनमें से कई सुधारों पर काम चल रहा है और कुछ पूरे भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा – “ऑपरेशन अभी भी जारी है।”
साथ ही, उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हालिया उपलब्धि का भी जिक्र किया। दो-तीन दिन पहले DRDO ने एक विशेष एकीकृत प्रणाली का परीक्षण किया, जिसमें QRSAM, VSHORADS और 5 किलोवाट लेजर सिस्टम को जोड़ा गया है। यह आधुनिक रक्षा तंत्र भारत की युद्धक क्षमता को और मजबूत करेगा।