हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 5 मई : 2025,
एसटीएफ की कार्रवाई में फॉर्च्यूनर कार, मोबाइल, डाटा शीट सहित कई दस्तावेज बरामद
नोएडा के सेक्टर-3 में नीट यूजी परीक्षा में धांधली कर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शनिवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में दिल्ली के लक्ष्मीनगर निवासी विक्रम कुमार साह, शिवपुर वेस्ट सागरपुर निवासी अनिकेत कुमार और धर्मपाल सिंह शामिल हैं।
भोले-भाले लोगों को पास कराने का देते थे लालच
तीनों आरोपी सेक्टर-3 में बाकायदा ऑफिस बनाकर कार्य कर रहे थे। यह लोग नीट यूजी परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर मोटी रकम की मांग करते थे। इसके एवज में वे प्रति छात्र करीब पांच लाख रुपये की डिमांड करते थे।
बरामद हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामान
गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक फॉर्च्यूनर कार, छह कॉलिंग मोबाइल फोन, चार निजी मोबाइल, दो आधार कार्ड, अभ्यर्थियों की डाटा शीट, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, चेकबुक और एक एप्पल मैकबुक बरामद की गई है।
मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने मारा छापा
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि टीम को शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग अभ्यर्थियों के परिजनों से पास कराने के नाम पर पैसों की मांग कर रहे हैं। सूचना को सत्यापित करने के बाद एसटीएफ की टीम ने सेक्टर-3 के बी-17 ऑफिस पर छापा मारकर तीनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
चेन्नई से शुरू किया था धंधा, अब नोएडा में कर रहे थे गोरखधंधा
गिरफ्तार आरोपी विक्रम कुमार साह ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2011 में चेन्नई के विनायका मिशन यूनिवर्सिटी में बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने गया था, जहां उसकी मुलाकात अनिकेत से हुई। दोनों ने मिलकर 30% कमीशन पर छात्रों को एडमिशन दिलवाने का काम शुरू किया। यहीं से इनके ठगी के धंधे की शुरुआत हुई। बाद में इन्होंने दिल्ली आकर धर्मपाल सिंह के साथ मिलकर “एडमिशन व्यू” नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई।
डाटा इकट्ठा कर करते थे कॉल, पैसा खाते और चेक से लेते थे
तीनों आरोपी MBBS की तैयारी करने वाले छात्रों का डाटा इकट्ठा करके कॉल करते और उन्हें परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर पैसा ठगते थे। पैसे नकद नहीं, बल्कि अकाउंट ट्रांसफर या पोस्ट डेटेड चेक के माध्यम से लेते थे। एग्जाम के दौरान छात्रों को उत्तर भरने की जगह खाली छोड़ने की सलाह दी जाती थी, ताकि बाद में ओएमआर शीट में बदलाव किया जा सके।
पकड़े जाने के डर से बदली कंपनी, फिर भी नहीं बदली आदत
इनके खिलाफ शिकायतें बढ़ने पर 2023 में इन्होंने एक नई कंपनी “श्रेयानवी एडु ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड” के नाम से रजिस्टर कराई और फिर से सेक्टर-3 नोएडा में ऑफिस बनाकर वही काम शुरू कर दिया। नीट परीक्षा के समय फिर से अभ्यर्थियों का डाटा इकट्ठा कर उन्हें कॉल कर पैसे वसूले जा रहे थे, लेकिन इस बार पुलिस ने समय रहते दबोच लिया।
जांच जारी, और भी खुलासे संभव
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और नेटवर्क की भी तलाश की जा रही है। यह आशंका जताई जा रही है कि यह गैंग राष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय हो सकता है।