हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 29 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में ऐतिहासिक भाषण देते हुए कहा:
“आतंक पर भारत का न्यू नॉर्मल – हमला होगा तो जवाब तय, समय हमारा होगा! सेना को खुली छूट दी गई है, कार्रवाई हमारी शर्तों पर होगी।”
उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया गया और महज 22 मिनट में सटीक बदला लिया गया। यह पहली बार था जब भारत ने सीमापार जाकर दुश्मन के कोने-कोने में छिपे आतंकी अड्डों को नष्ट किया। मोदी बोले:
“हमने आतंकी शिविरों को वहीं जाकर खत्म किया, जहाँ पहले कोई नहीं पहुंचा था – बहाबलपुर के अड्डों को ध्वस्त किया गया।”
इस पूरे अभियान में इस्तेमाल हथियार, मिसाइल और ड्रोन पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ थे। इससे दुनिया ने आत्मनिर्भर भारत की ताकत को देखा और पाकिस्तान की युद्धक तैयारी की पोल खुल गई।

दुनिया भारत के साथ, पाकिस्तान के साथ सिर्फ 3 देश
मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 193 में से सिर्फ 3 देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया। बाकी पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी रही। लेकिन उन्होंने दुख जताया कि देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भारत के वीरों के पराक्रम पर सवाल उठाए।
“न्यूक्लियर ब्लैकमेल” का जवाब
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकियों पर सख्त लहजे में कहा:
“भारत अब इन धमकियों से डरने वाला नहीं। न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा। जो हमला करेगा, उसे करारा जवाब मिलेगा।”
विपक्ष पर तीखा प्रहार
मोदी बोले, जब सेना दुश्मनों के अड्डे तबाह कर रही थी, तब कांग्रेस पूछ रही थी – “56 इंच की छाती कहाँ गई?” उन्होंने कहा:
“आपका छिछोरापन देश के वीरों का मनोबल गिराता है। सेना की शौर्यगाथा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दुनिया साथ खड़ी रही, लेकिन कांग्रेस ने वीरों के पराक्रम का साथ नहीं दिया।”
सेना को खुली छूट और तकनीकी विस्तार
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत की नीति स्पष्ट है। उन्होंने तीन सूत्रों की घोषणा की:
भारत पर हमला होगा तो जवाब हमारी स्टाइल में होगा।
कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं चलेगा।
आतंकियों और उनके आकाओं को एक ही नजर से देखा जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक
उन्होंने बताया कि इस अभियान में नौसेना, वायुसेना और थलसेना ने संयुक्त कार्यवाही की। पाकिस्तान को करारा जवाब मिला। पहले आतंकवादी बेफिक्र रहते थे, अब उन्हें नींद नहीं आती।
भारत की यह कार्रवाई अब “न्यू नॉर्मल” बन चुकी है।
कांग्रेस की भूमिका और विरोध पर कटाक्ष
मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुई तो कांग्रेस ने सेना से सबूत मांगे, जो पाकिस्तान पूछता है वही कांग्रेस पूछती है।
उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी का उदाहरण दिया और कहा कि जब वह पाक की गिरफ्त में थे तब देश में कुछ लोग कह रहे थे “अब मोदी फंसा”, लेकिन वह डंके की चोट पर वापस आए।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक जवान पाक के कब्जे में चला गया, और विपक्ष इसपर राजनीति करने लगा। मोदी ने कहा:वह भी सकुशल वापस आया
“आतंकी रो रहे हैं, आका रो रहे हैं… लेकिन यहां उन्हें देखकर कुछ लोग रो रहे हैं।”
कांग्रेस पर लगातार आरोप
उन्होंने कांग्रेस पर सेना को सम्मान न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि:
कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस नहीं अपनाया।
डोकलाम संकट के समय विपक्ष चीन से ब्रीफिंग ले रहा था।
कांग्रेस ने पाक को क्लीन चिट दी।
कांग्रेस ने पूछा कि पहलगाम के हमले का बदला सोमवार को ही क्यों लिया गया?
ऑपरेशन सिंदूर और डिफेंस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री ने बताया:
भारत में बनी मिसाइलों और ड्रोन ने पाक को चौंका दिया।
नौ मई को पाक ने 1000 ड्रोन्स से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने आसमान में ही उन्हें नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस पर झूठ फैलाया, लेकिन अगले दिन मोदी खुद वहाँ पहुंचे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्षों राज किया और संसद की व्यवस्था को समझने के बावजूद विदेश मंत्री, गृहमंत्री या रक्षा मंत्री के जवाब पर भरोसा नहीं करती।
“अब कांग्रेस का भरोसा पाक के रिमोट से बनता और बदलता है।”
कांग्रेस के पुराने फैसलों की आलोचना
मोदी बोले:
कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा बताया।
ऑपरेशन महादेव में हमने पहलगाम हमलावरों को खत्म किया, फिर भी कांग्रेस हँसी उड़ाती रही।
कांग्रेस के शासन में सेना को आत्मनिर्भर नहीं बनने दिया गया।
कांग्रेस ने हर रक्षा सौदे में मौके तलाशे, छोटे हथियारों तक के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ा।
बीते दशक में डिफेन्स बजट तीन गुना हुआ, भारत 100 देशों को हथियार निर्यात कर रहा है।
डिफेंस में आत्मनिर्भरता और युवा रोजगार
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के डिफेन्स मार्केट में झंडा गाड़ दिया। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। भारत का आत्मनिर्भर होना विश्व शांति के लिए जरूरी है। मोदी बोले:
“भारत युद्ध का नहीं, बुद्ध का देश है। समृद्धि और शांति का रास्ता शक्ति से ही गुजरता है।”
उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और महाराजा सुहेल देव का उल्लेख करते हुए कहा:
“कांग्रेस ने नेशनल सिक्योरिटी से हमेशा समझौता किया है।”
पीओके पर जवाब और ऐतिहासिक गलतियाँ
मोदी बोले:
“जो पूछते हैं कि पीओके क्यों नहीं लिया, पहले यह बताइए कि उसे कब्जाने दिया किसने?”
उन्होंने 1947, 1962, 1971 और 26/11 की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा:
अक्साई चीन को बंजर ज़मीन कहा गया, और हज़ारों वर्ग किलोमीटर ज़मीन गंवाई।
1971 में 90 हज़ार पाक सैनिक बंदी थे, पीओके ले सकते थे, पर मौका गंवा दिया।
करतारपुर साहिब या सियाचिन भी ले सकते थे, लेकिन कांग्रेस मौका गंवा दिया।
26/11 के बाद कांग्रेस ने पाक से बातचीत शुरू की, व्यापार भी जारी रखा।
एक भी पाक डिप्लोमैट को बाहर नहीं किया।
सिंधु जल समझौता और पानी का मुद्दा
मोदी बोले:
“सिंधु जल समझौता नेहरू जी ने किया। भारत से निकलने वाली नदियों के पानी का 80% पाकिस्तान को और केवल 20% भारत को दिया गया। यह कैसा डिप्लोमेसी थी?”
उन्होंने कहा कि अगर यह संधि न होती तो कई परियोजनाएं बन सकती थीं और भारत पानी की कमी से नहीं जूझता।
“नेहरू जी ने पाकिस्तान को करोड़ों रुपए दिए कि वह नहर बना सके ।
हमने कह दिया – खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।”
2014 से पहले की असुरक्षा और आतंक
मोदी ने कहा:
2014 से पहले रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और बाजारों में बम की आशंका की घोषणाएं आम थीं।
कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने देश को आतंक के घेरे में डाला।
उन्होंने हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बेचने की कोशिश की।
“तुष्टिकरण की वजह से कांग्रेस ने बाबा साहब के संविधान को जम्मू-कश्मीर में घुसने नहीं दिया।”
उन्होंने कहा:
“दलहित में भाव न मिले तो चलेगा, लेकिन देशहित में मन मिलना चाहिए।”
कांग्रेस में बोलने तक की आज़ादी नहीं
मोदी ने कहा कि दुनिया ऑपरेशन सिंदूर का बखान कर रही है लेकिन कांग्रेस अपने नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में बोलने नहीं देती।
शेर के रूप में समापन:
“करो चर्चा और इतनी करो कि दुश्मन दहशत से दहल उठे,
रहे ध्यान बस इतना ही मान सिंदूर और सेना का प्रश्नों में भी अटल रहे।”
“ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है – जारी है।”
अंत में मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी:
“जब तक आतंक का रास्ता नहीं छोड़ेगा, तब तक भारत तगड़ा जवाब देता रहेगा।
मैंने भारत का पक्ष रखा है, भारत की भावनाओं को व्यक्त किया है