हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 1 मई : 2025,
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अक्षय तृतीया के मौके पर आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने 125 जोड़ों की शादी में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने एक आदिवासी कन्या के पैर धोए और पिता की तरह कन्यादान किया। इस अवसर पर उन्होंने शगुन में 501 रुपये भी दिए।
सामूहिक विवाह समारोह में मोहन भागवत की उपस्थिति
संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी भी समारोह में पहुंचे। सभी दूल्हे रथ पर सवार होकर मंडप तक पहुंचे। मोहन भागवत ने दूल्हे से कहा, “जाओ अच्छे से कमाना और बेटी को खुश रखना।” इस अवसर पर उन्होंने विवाह की पारंपरिक रस्मों का पालन करते हुए दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया।
सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन
इस सामूहिक विवाह समारोह में दलित, ओबीसी, और सवर्ण सभी वर्गों के जोड़े शामिल हुए। वाराणसी के संकुल धारा पोखरा पर 125 मंडप बनाए गए थे, जहां वर-वधु ने सात जन्मों के बंधन की कसमें खाई। इस समारोह में मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली और भदोही जैसे आसपास के जिलों के जोड़े भी शामिल हुए।
कन्यादान के महत्व पर संघ प्रमुख का संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि “हमारी संस्कृति दुनिया में मार्गदर्शन का केंद्र बिंदु रही है। भारत दुनिया में विश्व गुरु के स्थान पर है और आज फिर से दुनिया भारत की रीति, नीति, परंपरा और संस्कृति की ओर आकर्षित हो रही है।” उन्होंने कन्यादान के पुण्य काम को महत्व देते हुए कहा कि “साल में एक बार कन्यादान जरूर करना चाहिए।”
विदाई उपहार और समाज की मदद
समारोह में सभी जोड़ों को विदाई में एक साइकिल, सिलाई मशीन, पायल, बिछिया, दो साड़ी और दूल्हे को कपड़े दिए गए। यह पहल संघ द्वारा दलित और पिछड़े वर्गों को सहयोग देने के उद्देश्य से की गई थी।
संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह कदम समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।