हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14 मई : 2025,
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। चीन ने एक बार फिर से भारत विरोधी हरकत करते हुए अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने की नापाक कोशिश की है। भारत ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है और साफ शब्दों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, था और हमेशा रहेगा।
चीन की साजिश: नक्शे में फेरबदल और नामों में बदलाव
चीन का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। पाकिस्तान द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों की साजिश और भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बॉर्डर पर पहले से ही तनाव बना हुआ है। ऐसे में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश को जानबूझकर किया गया भड़काऊ कदम माना जा रहा है।
चीन लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताता आया है। वह इसे तिब्बत का दक्षिणी भाग बताता है और इस आधार पर समय-समय पर राज्य के स्थानों के नाम बदलकर उसे अपने नक्शे में शामिल करने की कोशिश करता रहा है।
भारत का सख्त संदेश: “सच नहीं बदलने वाला”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस नई साजिश पर सख्त रुख अपनाते हुए कड़ा बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया,
”हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के व्यर्थ और बेतुके प्रयास किए हैं। हम इस तरह के प्रयासों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।”
जायसवाल ने आगे कहा,
”सिर्फ नाम बदल देने से यह निर्विवाद सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य अंग था, है और रहेगा।”
चीन की पुरानी रणनीति और भारत की कूटनीतिक स्पष्टता
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा कदम उठाया है। इससे पहले भी 2017, 2021 और 2023 में वह अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के नामों को बदलकर अपने आधिकारिक नक्शों में दर्शाने की कोशिश कर चुका है। लेकिन भारत हर बार इन प्रयासों को सिरे से खारिज करता आया है और वैश्विक मंचों पर यह स्पष्ट करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश एक पूर्ण और संवैधानिक रूप से भारत का हिस्सा है।
भारत के इस रुख को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों का समर्थन भी मिला है, जिन्होंने चीन की विस्तारवादी नीति पर सवाल उठाए हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन की चालबाज़ी
पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद और हाल ही में किए गए असफल हमलों के जवाब में भारत ने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के बाद बॉर्डर क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इसी दौरान चीन की यह गतिविधि यह दर्शाती है कि वह भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर चुनौतियां पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यह सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी एक गंभीर खतरा है।
चीन की नई चाल: अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश, भारत ने दिया करारा जवाब
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। चीन ने एक बार फिर से भारत विरोधी हरकत करते हुए अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने की नापाक कोशिश की है। भारत ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है और साफ शब्दों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, था और हमेशा रहेगा।
चीन की साजिश: नक्शे में फेरबदल और नामों में बदलाव
चीन का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। पाकिस्तान द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों की साजिश और भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बॉर्डर पर पहले से ही तनाव बना हुआ है। ऐसे में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश को जानबूझकर किया गया भड़काऊ कदम माना जा रहा है।
चीन लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताता आया है। वह इसे तिब्बत का दक्षिणी भाग बताता है और इस आधार पर समय-समय पर राज्य के स्थानों के नाम बदलकर उसे अपने नक्शे में शामिल करने की कोशिश करता रहा है।
भारत का सख्त संदेश: “सच नहीं बदलने वाला”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस नई साजिश पर सख्त रुख अपनाते हुए कड़ा बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया,
”हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के व्यर्थ और बेतुके प्रयास किए हैं। हम इस तरह के प्रयासों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।”
जायसवाल ने आगे कहा,
”सिर्फ नाम बदल देने से यह निर्विवाद सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य अंग था, है और रहेगा।”
चीन की पुरानी रणनीति और भारत की कूटनीतिक स्पष्टता
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा कदम उठाया है। इससे पहले भी 2017, 2021 और 2023 में वह अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के नामों को बदलकर अपने आधिकारिक नक्शों में दर्शाने की कोशिश कर चुका है। लेकिन भारत हर बार इन प्रयासों को सिरे से खारिज करता आया है और वैश्विक मंचों पर यह स्पष्ट करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश एक पूर्ण और संवैधानिक रूप से भारत का हिस्सा है।
भारत के इस रुख को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों का समर्थन भी मिला है, जिन्होंने चीन की विस्तारवादी नीति पर सवाल उठाए हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन की चालबाज़ी
पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद और हाल ही में किए गए असफल हमलों के जवाब में भारत ने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के बाद बॉर्डर क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इसी दौरान चीन की यह गतिविधि यह दर्शाती है कि वह भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर चुनौतियां पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यह सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी एक गंभीर खतरा है।