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भारत का बड़ा बयान: पीओके खाली करे पाकिस्तान, कश्मीर पर किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 13 मई : 2025,

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम, पीओके और कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर अपना सख्त और स्पष्ट रुख दोहराया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता की, जिसमें प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को भी स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।

भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं: विदेश मंत्रालय

प्रवक्ता ने कहा, “भारत का लंबे समय से यही राष्ट्रीय रुख रहा है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दों को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाना होगा। यह हमारी घोषित नीति है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सबसे अहम और लंबित मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र – पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली कराना है।

‘गोलियों का जवाब गोलियों से देंगे’ – कड़ा संदेश पाकिस्तान को

प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़ी चेतावनी दी। प्रवक्ता ने कहा, “जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक किसी भी समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है। पाकिस्तान की हर गोली का जवाब भारत गोली से देगा।”

उन्होंने आगे कहा, “आतंकी हमलों में पाकिस्तान के कनेक्शन के ठोस सबूत हमारे पास हैं। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के साथ खड़ा रहेगा, तब तक भारत कोई नरमी नहीं दिखाएगा।”

सिंधु जल संधि पर बड़ा बयान

भारत ने सिंधु जल संधि पर भी अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि पाकिस्तान को तब तक कोई राहत नहीं मिलेगी जब तक वह आतंकवाद का विश्वसनीय और स्थायी रूप से परित्याग नहीं करता। प्रवक्ता ने कहा, “भारत ने सिंधु जल संधि को फिलहाल स्थगित रखा है। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन से पूरी तरह और अविश्वसनीय रूप से पीछे नहीं हटता, तब तक संधि आगे नहीं बढ़ेगी।”

कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार

भारत ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर एक आंतरिक और द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “कश्मीर पर भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है – किसी भी प्रकार की बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।” यह प्रतिक्रिया तब आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी।

डिफेंस अटैचेज़ को दी गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर ब्रीफिंग

भारत ने अपने सैन्य कौशल का प्रदर्शन करते हुए 70 देशों के रक्षा सलाहकारों (डिफेंस अटैचेज़) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत ब्रीफिंग दी। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और ऑपरेशन की जानकारी साझा की।

डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डी. एस. राणा ने बताया कि इस ऑपरेशन में भारत ने न्यू एज वॉरफेयर यानी अत्याधुनिक युद्ध तकनीकों का उपयोग कर अपनी सैन्य शक्ति का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।

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