हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी शुक्रवार को एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गए। बाबा बूढ़ा अमरनाथ के दर्शन कर लौटते समय उनकी गाड़ी के ब्रेक फेल हो गए, हालांकि चालक की सूझबूझ से वाहन खाई में गिरने से बच गया।
पुंछ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौधरी ने बताया कि यह तीसरी बार है जब उनकी गाड़ी के ब्रेक फेल हुए हैं। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर नाराजगी जताते हुए सवाल किया कि “क्या किसी अनहोनी का इंतजार किया जा रहा है? क्यों उन्हें नई गाड़ी नहीं दी जा रही, जबकि वे Z-प्लस सिक्योरिटी श्रेणी में आते हैं।” उन्होंने DGP से भी पूछा कि जब अफसरों के पास नई गाड़ियां हैं, तो मंत्रियों को क्यों नहीं मिल रहीं।
राजनीतिक सफर और पृष्ठभूमि
सुरिंदर चौधरी ने 16 अक्टूबर 2024 को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सरकार में उपमुख्यमंत्री पद संभाला था। वे जम्मू संभाग की नौशेरा विधानसभा सीट से विधायक हैं और 2025 के विधानसभा चुनाव में BJP प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना को 7819 वोटों से हराकर सुर्खियों में आए। उपमुख्यमंत्री पद पर उनकी नियुक्ति को NC ने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश माना था।
उनका जन्म जम्मू के राजौरी जिले के नोनियाल गांव में हुआ था। पिता दयाल चंद भारतीय सेना में कैप्टन थे। चौधरी ने राजनीतिक करियर की शुरुआत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) से की और 2008 में नौशेरा से पहली बार विधायक बने। 2014 में वे रविंदर रैना से हार गए।
दल बदल का सफर
2022 में मतभेदों के कारण उन्होंने PDP छोड़ी और BJP में शामिल हो गए। 2023 में उन्होंने BJP छोड़कर नेशनल कॉन्फ्रेंस जॉइन की। 2024 में NC टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने और गठबंधन सरकार में एकमात्र हिंदू मंत्री के रूप में उपमुख्यमंत्री बनाए गए।
विवादों से नाता
अप्रैल 2025 में चौधरी विवादों में घिर गए थे, जब उन्होंने 28 लोगों की हत्या को ‘छोटी-मोटी हरकत’ करार दिया था, जिसके लिए उनकी कड़ी आलोचना हुई।
यह हादसा उनके सुरक्षा इंतजामों और सरकारी जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा करता है, जिस पर उन्होंने खुले तौर पर उपराज्यपाल और पुलिस प्रशासन को घेरा।