हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 23 मई : 2025
वाराणसी के चिरईगांव क्षेत्र के कामाख्या नगर कॉलोनी के पास स्थित करौंदा के बगीचे में शुक्रवार सुबह एक तेंदुए के देखे जाने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह तेंदुआ सुबह लगभग 9 बजे नीम के पेड़ के नीचे झाड़ियों में छिपा देखा गया, जो शाम 4:50 बजे तक वहीं मौजूद रहा। इस दौरान वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिल सकी। अंततः तेंदुआ सुरक्षा घेरे को चकमा देकर पास की रिहायशी बस्ती में फरार हो गया और दो ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल भी कर दिया।
वन विभाग की तैयारी पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग की टीम घटना की जानकारी मिलने के बावजूद डेढ़ से दो घंटे की देरी से मौके पर पहुंची। इतना ही नहीं, टीम के पास तेंदुए को पकड़ने के लिए न तो पिंजरा था, न ट्रैंक्विलाइज़र गन और न ही कोई अन्य जरूरी उपकरण। इससे साफ है कि विभाग ने ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई भी पूर्व तैयारी नहीं की थी।
ग्राम प्रधान और ग्रामीणों में रोष
ग्राम प्रधान राजेश और पूर्व प्रधान धनंजय मौर्य सहित कई स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विभाग ने न तो समय पर पहुंचकर सुरक्षा सुनिश्चित की, और न ही तेंदुए को पकड़ने के लिए जरूरी कदम उठाए। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए की मौजूदगी की सूचना के बाद भी विभाग मूकदर्शक बना रहा और केवल तमाशा देखता रहा।
दहशत में पूरा इलाका
तेंदुआ बस्ती में घुसने के बाद लोगों में भारी दहशत का माहौल बन गया है। महिलाएं और बच्चे घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं, वहीं कई परिवारों ने एहतियातन अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि वन विभाग को तत्काल प्रभाव से पुख्ता कार्रवाई करनी चाहिए और पूरे क्षेत्र में निगरानी बढ़ानी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।
प्रशासन और विभाग की चुप्पी
इस घटना के बाद भी वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की तरफ से कोई ठोस बयान नहीं आया है, जिससे लोगों में नाराजगी और अधिक बढ़ गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।