हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ मंगलवार 3 जून 2025
अयोध्या/नई दिल्ली। बकरीद 2025 से पहले ही कुर्बानी को लेकर देश में विवाद तेज हो गया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने बकरीद के मौके पर होने वाली पशु बलि पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इन बयानों के बाद धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है।
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने जीव हिंसा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए बॉलीवुड कलाकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो फिल्मी कलाकार होली और दीपावली पर पर्यावरण और स्वास्थ्य के नाम पर लोगों को ज्ञान देते हैं, वो बकरीद पर चुप क्यों रहते हैं?” उन्होंने कहा कि “परमात्मा या ईश्वर बलि से प्रसन्न नहीं होते, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।”
महंत राजू दास ने यह भी आरोप लगाया कि “बकरीद पर गौवंश की बलि दी जाती है, जो हमारी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाता है। इसलिए इस त्योहार पर विशेष रूप से जीव हिंसा पर रोक लगनी चाहिए।”
इस बीच बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी बलि प्रथा की आलोचना करते हुए इसे “निंदनीय” बताया। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हर बार त्योहारों पर ऐसे बयान और विवाद पैदा किए जाते हैं, जो समाज को बांटने का काम करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “त्योहारों को लेकर इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
विश्व हिंदू परिषद की ओर से भी केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की गई है कि बकरीद पर होने वाली पशु बलि पर कानूनी रोक लगाई जाए।
विवाद बढ़ने की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक त्योहारों को लेकर ऐसे बयान सामाजिक तनाव को बढ़ावा दे सकते हैं। हालांकि संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है, लेकिन साथ ही पशु क्रूरता निवारण अधिनियम जैसे कानून भी लागू हैं, जो इस विषय को जटिल बना देते हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल इस पूरे विवाद पर केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन सतर्क है।