हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। राज्य में महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की अगुवाई वाली महायुति ने 288 में से 235 सीटें जीतकर भारी विजय हासिल की थी। ऐसे में इस बार का निकाय चुनाव उसके लिए ‘अग्नि परीक्षा’ माना जा रहा है, जबकि एमवीए के लिए यह खुद को पुनर्स्थापित करने का बड़ा मौका है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई तीन-स्तरीय प्रक्रिया के पहले चरण में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में मतदान होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन चुनावों के नतीजे महायुति सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की जनस्वीकृति का संकेत देंगे। वहीं विपक्ष के लिए यह जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर साबित हो सकता है।
चुनाव प्रचार की समय सीमा 1 दिसंबर की रात 10 बजे तक बढ़ा दी गई है। 2 दिसंबर को वोटिंग और 3 दिसंबर को मतगणना होगी। कुल 6,859 सदस्य और 288 अध्यक्ष पदों के लिए भाग्य का फैसला होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश टी. वाघमारे ने 4 नवंबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू कर दी थी।
इन चुनावों में 1.07 करोड़ से अधिक मतदाता अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। इसके लिए 13,355 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए 66,000 से ज्यादा कर्मचारियों की तैनाती की गई है। सभी जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVMs) इस्तेमाल होंगी।
मतदान शुरू होने से पहले ही महायुति को बड़ी बढ़त मिली है। भाजपा ने 100 पार्षद और तीन नगर अध्यक्ष पद बिना मुकाबले जीत लिए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में जनता के विश्वास का नतीजा बताया।













