हिन्दुस्तान मिरर | 4 जुलाई 2025:अलीगढ़
अलीगढ़। स्वास्थ्य विभाग में गहराते भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुलने लगी हैं। इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी द्वारा मुख्यमंत्री से की गई शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले में सीएमओ कार्यालय की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जांच के बाद ACMO को नोडल अधिकारी पद से हटाते हुए, दो दिन में स्पष्टीकरण देने का नोटिस थमा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि अलीगढ़ जिले में अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के पंजीकरण एवं नवीनीकरण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार चल रहा था। शिकायत के अनुसार, कई फर्जी अस्पताल और अल्ट्रासाउंड सेंटर बिना मानकों को पूरा किए संचालित किए जा रहे थे, जिनके पीछे विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। वहीं, मानकों को पूरा करने वाले अस्पतालों से भी रजिस्ट्रेशन के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी।
इगलास विधायक की शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने सचिव स्तर से जांच के आदेश दिए। इसके बाद जिलाधिकारी ने एडीएम सिटी को मामले की जिम्मेदारी सौंपी। जांच में ACMO, CMओ डॉ. नीरज त्यागी और पटल सहायक रणधीर चौधरी सहित कई कर्मचारियों की जवाबदेही तय की गई।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, कई डॉक्टरों ने अपनी डॉक्टर पत्नियों के नाम पर फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर खोल रखे हैं। शहर के मेडिकल रोड, रामघाट रोड, क्वार्सी, एटा चुंगी, आगरा रोड, इगलास रोड और देहात क्षेत्रों में बिना पंजीकरण के अवैध हॉस्पिटल व अल्ट्रासाउंड सेंटर धड़ल्ले से चल रहे हैं। इनमें मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, और कई बार इसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ी है।
विधायक राजकुमार सहयोगी ने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की थी कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों की संपत्ति की भी जांच हो। इस पर शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच बैठाई, जिसमें भ्रष्टाचार की पुष्टि होते ही ACMO को उनके दायित्व से मुक्त कर दिया गया।
फिलहाल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब अन्य क्षेत्रों में संचालित अवैध अस्पतालों व सेंटरों की विस्तृत जांच कर रहा है। यह प्रकरण दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग में गहरे स्तर तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिसे जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।