हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 20 अप्रैल: 2025,
बक्सर, बिहार:
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए आक्रामक रुख अपना लिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को बक्सर में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस रैली का आयोजन ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ नारे के साथ किया गया, जो पार्टी की सामाजिक न्याय और संविधान संरक्षण की सोच को दर्शाता है।
खरगे ने अपने भाषण की शुरुआत बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा, “मैं बिहार के उन सभी लोगों को नमन करता हूं जिनके विचार आज भी देश-दुनिया को प्रेरित करते हैं। महात्मा गांधी ने चंपारण से सत्याग्रह की शुरुआत की थी और यह धरती बुद्ध, सच्चिदानंद सिन्हा और गुरु गोविंद सिंह जैसी महान विभूतियों की भूमि रही है।”
एनडीए पर तीखा हमला, नीतीश-मोदी की जोड़ी को बताया ‘सिर्फ कुर्सी के लिए’
रैली में मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इन दोनों की जोड़ी सिर्फ सत्ता के लिए बनी है, न कि बिहार के विकास के लिए। उन्होंने नीतीश कुमार की राजनीतिक अस्थिरता को निशाने पर लेते हुए कहा कि “कभी इधर, कभी उधर — ये देश और जनता के हित में नहीं है।”
खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि ये संगठन गरीबों, पिछड़ों और महिलाओं के सच्चे हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, “मनु स्मृति में महिलाओं को शिक्षा से दूर रखने की बात कही गई थी, लेकिन बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने उन्हें सम्मान दिलाया।”
वक्फ कानून, नेशनल हेराल्ड और केंद्र सरकार पर आरोपों की बौछार
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर वक्फ संशोधन कानून को जबरन लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे बेवजह समाज में तनाव पैदा किया जा रहा है। साथ ही नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया।
“सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में चार्जशीट दायर की गई है। दिल्ली, लखनऊ और मुंबई की संपत्तियां अटैच की जा रही हैं। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं,” खरगे ने दो टूक कहा।
बदलाव के संकेत और आगे की रणनीति
बिहार दौरे पर खरगे का पटना में एक अन्य कार्यक्रम में शामिल होना तय था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। हालांकि बक्सर की रैली में भीड़ और जोश ने यह संकेत जरूर दे दिया कि कांग्रेस अब पूरी ताकत के साथ चुनावी रण में उतरने को तैयार है।
कांग्रेस नेतृत्व का यह आक्रामक रुख इस बार चुनाव को दिलचस्प बना सकता है, खासकर जब राज्य की राजनीति में गठबंधन और टूट के खेल लगातार जारी हैं।