हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 28 मई 2025
गौतमबुद्धनगर: यदि आप बाजार से ब्रांडेड समझकर बोतलबंद पानी खरीदते हैं, तो यह खबर आपको सतर्क कर सकती है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने नकली बोतलबंद पानी तैयार करने वाले दो बड़े प्लांट्स का भंडाफोड़ किया है। इन प्लांट्स में बिना किसी लाइसेंस और मानकों के पानी पैक कर बाजार में सप्लाई किया जा रहा था, जिससे आमजन की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सोमवार को कासना औद्योगिक क्षेत्र की दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। पहली छापेमारी गुप्ता इंटरप्राइजेज, K-300, साइट-5, कासना में की गई, जहां ‘बिलसेरी’ नामक नकली ब्रांड के नाम पर 1 लीटर की पानी की बोतलें पैक की जा रही थीं। यह नाम प्रसिद्ध ब्रांड ‘बिसलेरी’ से मेल खाता है, जिससे उपभोक्ताओं को भ्रमित कर नकली उत्पाद बेचा जा सके। मौके से 6,252 बोतलें बरामद हुईं और प्लांट को तत्काल सील कर दिया गया।
दूसरी कार्रवाई पैरामेट्रो वॉसर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, A-2/88, साइट-5, कासना में की गई, जहां ‘ब्लेसरी’ नामक नकली ब्रांडिंग के तहत पानी पैक किया जा रहा था। इस जगह से 6,856 बोतलें बरामद की गईं। दोनों स्थानों पर कुल 13,108 बोतलें पाई गईं, जिनमें से 13,076 बोतलों को सील कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इन दोनों प्लांट्स में तैयार किए गए नकली बोतलबंद पानी को दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों में सप्लाई किया जा रहा था। ये नकली बोतलें नाम और डिज़ाइन में इस कदर असली ब्रांड्स से मिलती-जुलती थीं कि आम उपभोक्ता आसानी से भ्रमित हो सकता था। इससे हज़ारों लोगों की सेहत को खतरा था, क्योंकि बिना किसी प्रमाणन और गुणवत्ता जांच के यह पानी तैयार किया जा रहा था।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र द्विवेदी ने बताया कि यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई। दोनों प्लांट्स को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है और सभी सैंपल्स को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बोतलबंद पानी खरीदते समय उसके ब्रांड नेम, लाइसेंस नंबर और सीलिंग की जांच अवश्य करें। नकली ब्रांड से न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव भी पड़ता है।