हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑17 मई : 2025
आगरा में करणी सेना और पुलिस के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला आगरा के नौफरी गांव का है, जहां करणी सेना युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा के नेतृत्व में आयोजित दो कार्यक्रमों को लेकर भारी बवाल हो गया। आरोप है कि पुलिस ने कार्यक्रम रोकने के दौरान करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर अत्यधिक बल प्रयोग किया, जिसके बाद ओकेंद्र राणा सोशल मीडिया पर लाइव आकर आग बबूला हो गए। उन्होंने साफ शब्दों में पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि “जुल्म करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कराकर ही दम लूंगा।”
शुक्रवार को फेसबुक लाइव आकर ओकेंद्र राणा ने आगरा पुलिस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ताजगंज एकता चौकी के अधिकारी सपा मानसिकता के हैं और उन्होंने राजनीतिक दबाव में आकर कार्यकर्ताओं को पीटा। राणा ने सवाल उठाया, “क्या महाराणा प्रताप जैसे महापुरुष के बोर्ड के शिलान्यास के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है? हमारे कार्यकर्ताओं को बर्बरतापूर्वक पीटा गया, गाड़ियों को जब्त कर लिया गया और तोड़फोड़ की गई।”
14 मई को ओकेंद्र राणा आगरा के नौफरी गांव पहुंचे थे। यहां महाराणा प्रताप के स्वागत बोर्ड का शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसके बाद दूसरा कार्यक्रम सिकरारा गांव में होना था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि आयोजकों ने कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली थी। इस वजह से दोनों ही आयोजनों को रोक दिया गया।
इसी दौरान नौफरी गांव में करणी सेना कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और जेल भेज दिया। वहीं, ओकेंद्र राणा इस दौरान पुलिस को चकमा देकर घटनास्थल से निकलने में सफल रहे।
ओकेंद्र राणा का नाम पहले भी विवादों में रहा है। वह सपा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर हमले के मामले में भी आरोपी हैं। इस ताजा घटना के बाद उन्होंने अपनी पुरानी नाराजगी को भी हवा दी और कहा कि पुलिस सपा नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन करणी सेना के बढ़ते प्रभाव से घबराया हुआ है और जानबूझकर कार्यकर्ताओं को दबाने की कोशिश कर रहा है।
इस पूरे मामले पर फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन करणी सेना के समर्थकों में भारी आक्रोश है। सोशल मीडिया पर समर्थक लगातार पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं और विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दे रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए थे। कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए उन्हें रोका गया। कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और स्थिति बेकाबू होने लगी, जिससे बल प्रयोग करना पड़ा।