हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ व्यापक वार्ता में भारत-ब्रिटेन संबंधों को नए आयाम देने पर जोर दिया। इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन में सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथियों की गतिविधियों पर चिंता जताई और इन तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
मोदी ने कहा कि ब्रिटेन में कुछ अलगाववादी समूह भारत के खिलाफ भड़काऊ गतिविधियां चला रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती के माहौल को प्रभावित करती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्रिटिश सरकार अपने राजनयिक दायित्वों का पूर्ण पालन करेगी। यह मुद्दा हाल में हुई उन घटनाओं के संदर्भ में उठाया गया, जब मार्च में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगी थी।
भारत ने लगातार ब्रिटेन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बाधा डालने की घटनाओं पर आपत्ति जताई है। जनवरी में भारतीय उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शनों से लेकर हैरो में फिल्म ‘इमरजेंसी’ के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश तक भारत ने इन सभी घटनाओं को गंभीरता से उठाया है।
बैठक में ब्रिटेन के सौ से अधिक शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया। यह वार्ता जुलाई में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की पृष्ठभूमि में हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्तमान में भारत-ब्रिटेन व्यापार 56 अरब अमेरिकी डॉलर का है और इसे दोगुना करने का लक्ष्य 2030 से पहले पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि ब्रिटेन के नौ प्रमुख विश्वविद्यालय जल्द ही भारत में अपने परिसर स्थापित करेंगे, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सहयोग और सशक्त होगा।













