हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 3 मई : 2025,
चन्नी ने पुलवामा का किया ज़िक्र, सर्जिकल स्ट्राइक पर उठाए सवाल
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को एक बयान में पुलवामा आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर दिए। चन्नी ने कहा कि पुलवामा में 40 जवान शहीद हुए थे और चुनाव से पहले सरकार ने पाकिस्तान में कार्रवाई करने का दावा किया, लेकिन “हमने कभी नहीं देखा कि हमला कहां हुआ और कितने लोग मारे गए।”
उन्होंने तंज करते हुए कहा, “अगर हमारे देश में बम फेंका जाए, तो क्या लोगों को पता नहीं चलेगा?” चन्नी ने दावा किया कि “सर्जिकल स्ट्राइक कहीं नहीं देखी गई, न ही किसी को पता चला कि क्या हुआ।”
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद चन्नी ने बदला रुख
भाजपा की तीखी आलोचना के बाद चरणजीत चन्नी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत नहीं मांगे। चन्नी ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि दुख की इस घड़ी में कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ है। अगर सरकार पाकिस्तान की जल आपूर्ति बंद करती है या कोई और कदम उठाती है, तो हम चट्टान की तरह उसके साथ खड़े हैं।”
भाजपा का हमला: कांग्रेस सेना का मनोबल गिरा रही है
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने चन्नी के बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस बार-बार भारतीय सेना का मनोबल गिराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब पाकिस्तान परस्त पार्टी बन चुकी है। पहले राहुल गांधी ने भी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे, अब चन्नी वही दोहरा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “जब पूरा देश सेना के साथ खड़ा है, तब कांग्रेस ऐसी बयानबाजी कर रही है, जिससे सिर्फ पाकिस्तान को ताकत मिलती है।”
दिल्ली सरकार के मंत्री सिरसा की तीखी प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी चन्नी के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बयान कांग्रेस की “घटिया मानसिकता” को दर्शाता है। सिरसा ने कहा, “चन्नी और कांग्रेस ने एक बार फिर भारतीय वायुसेना और सेना पर सवाल खड़े किए हैं। पाकिस्तान भी सर्जिकल स्ट्राइक से हुए नुकसान को स्वीकार कर चुका है, लेकिन कांग्रेस अब भी सबूत मांगती है।”
उन्होंने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है कि एक राष्ट्रीय पार्टी और उसके नेता बार-बार हमारी सेना की बहादुरी पर सवाल उठा रहे हैं। यह न सिर्फ राजनीति का स्तर गिराता है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ भी है।”