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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सियासी संग्राम, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बीजेपी पर कसा तंज

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑16 मई : 2025

भोपाल/नई दिल्ली – कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद जहां देशभर में सेना की सराहना हो रही है, वहीं इसके नेतृत्व से जुड़ी एक टिप्पणी ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान देते हुए उन्हें “आतंकवादियों की बहन” कह दिया। इस बयान ने राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है।

इस पूरे विवाद पर अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा,

“जो मन में था वो अब सामने आ गया। बीजेपी पहले से ही यही करती आ रही है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि,

“जिस पार्टी के प्रवक्ता ही चुन-चुन कर मुसलमान होते हैं, वह अंदर से मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह रखती है। यह दिखाता है कि पार्टी कुछ और दिखाती है और कुछ और सोचती है। सेना द्वारा जिसे जिम्मेदारी दी गई है, उस पर सवाल खड़ा करना न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी खतरे का संकेत है।”

स्वामीजी ने यह भी कहा कि,

“यह पार्टी प्रशंसा भी करती है और निंदा भी, यही इनकी राजनीति है।”

गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब दिया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी ने किया था, जिनकी रणनीति और नेतृत्व की हर तरफ सराहना हो रही है। ऑपरेशन के जरिए सीमापार से घुसे आतंकियों को मार गिराया गया और कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ नजर आया। उसने कई सीमाई क्षेत्रों और महानगरों में हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने हर साजिश को नाकाम कर दिया।

सीजफायर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा,

“पाकिस्तान के कई प्रांतों में सेना खुद अपनी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई थी। यह भारत के लिए सुनहरा मौका था, जब पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया जाता जिसे वह कभी भूल नहीं पाता। अफसोस है कि इस मौके को गंवा दिया गया।”

एक तरफ भारतीय सेना आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है, वहीं देश के भीतर सेना के अधिकारियों पर इस तरह की टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि राष्ट्रीय भावना को भी ठेस पहुंचाती है। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिया गया विवादित बयान केवल एक अधिकारी पर नहीं, बल्कि पूरी भारतीय सेना की गरिमा पर सवाल है।

अब देखना होगा कि बीजेपी इस बयान पर क्या कार्रवाई करती है, और क्या मंत्री विजय शाह अपने बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हैं या नहीं।

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