हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑16 मई : 2025
मुरादाबाद, 16 मई 2025 – भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव द्वारा की गई जातिसूचक टिप्पणी का विरोध देशभर में तेज हो गया है। मुरादाबाद समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन हुए और सपा नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई है।
बिलारी (मुरादाबाद) में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान रामगोपाल यादव ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शामिल अधिकारियों की जातीय पहचान उजागर करते हुए टिप्पणी की थी कि “पूरा युद्ध पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग के अधिकारियों ने लड़ा।” उन्होंने कहा कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं, कर्नल सोफिया कुरैशी मुसलमान हैं और एयर मार्शल ए.के. भारती पूर्णिया के यादव हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इन अधिकारियों की जाति व धर्म को नजरअंदाज कर इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
रामगोपाल यादव के इस बयान पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप), अखिल भारतीय आंबेडकर युवक संघ समेत कई संगठनों ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। विहिप के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजकमल गुप्ता ने मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सपा नेता के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
विहिप कार्यकर्ताओं ने सपा नेता के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थाने का घेराव भी किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि किसी सैनिक की जाति और धर्म को इस तरह से सार्वजनिक करना न केवल भारतीय सेना का अपमान है, बल्कि समाज में फूट डालने वाला कृत्य भी है।
अखिल भारतीय आंबेडकर युवक संघ ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा
मामले को लेकर अखिल भारतीय आंबेडकर युवक संघ ने भी सख्त रुख अपनाया है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि देश की सेवा करने वाले सैनिकों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिक बिना किसी भेदभाव के देश की रक्षा करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते।
रामगोपाल यादव के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी बहस तेज हो गई है। भाजपा नेताओं ने इस टिप्पणी को सेना का अपमान करार दिया है। वहीं रामगोपाल यादव ने अपनी बात पर कायम रहते हुए भाजपा पर जवाबी हमला बोला और पूछा कि “जब विजय शाह जैसे मंत्री आपत्तिजनक बयान देते हैं तो भाजपा उन्हें पार्टी से बाहर क्यों नहीं करती?”
उन्होंने आरोप लगाया कि “सीमा पार आतंकी अड्डों पर कार्रवाई करने के बाद भारत सरकार ने अमेरिका के दबाव में सीजफायर कर दिया, जिससे सेना का मनोबल प्रभावित हुआ है।”
सेना में सेवा देने वाले अधिकारियों की निजी पहचान उजागर करने और उसे राजनीतिक चश्मे से देखने पर अब सामाजिक संगठनों, पूर्व सैन्य अधिकारियों और बुद्धिजीवियों ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि देश के जवान जाति या धर्म से ऊपर उठकर केवल राष्ट्रहित में कार्य करते हैं, और नेताओं को चाहिए कि वे इस समर्पण का सम्मान करें, न कि उसे राजनीति का हथियार बनाएं।