हिन्दुस्तान मिरर न्यूज :29 जुलाई 2025
यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को कोर्ट द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी। यह फांसी 16 जुलाई को दी जानी थी, लेकिन भारत के ग्रैंड मुफ्ती और सुन्नी धर्मगुरु कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के हस्तक्षेप से सजा पर रोक लग गई थी। हालांकि मंगलवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यमन ने निमिषा की फांसी की सजा को पलट दिया है, लेकिन इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
भारत सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सूत्रों की मानें तो यमन के अधिकारियों ने सजा पलटने की बात से इनकार किया है और इसे अफवाह बताया है। ऐसे में इस बात को लेकर असमंजस बना हुआ है कि क्या वाकई निमिषा की सजा पलटी गई है या नहीं।
सजा को पलटने का दावा ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय की ओर से किया गया। उनका कहना है कि यमन में हाई लेवल मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया, लेकिन यमन और भारत दोनों सरकारों ने इसपर कोई पुष्टि नहीं की है। इसलिए फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को रद्द किया गया है या केवल टाला गया है।
निमिषा प्रिया के मामले की बात करें तो वे केरल के पलक्कड़ की रहने वाली हैं और 2008 में नर्स के तौर पर यमन गई थीं। 2015 में उन्होंने यमन निवासी तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक खोला था। 2017 में महदी की हत्या के आरोप में निमिषा को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में सुनवाई के बाद 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा।
फिलहाल निमिषा प्रिया सना की जेल में बंद हैं और उनकी सजा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। भारत सरकार की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार है।