हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 1 मई : 2025,
उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसला सामने आया है। राज्य सरकार ने अनुज चौधरी को पूर्व में दी गई क्लीन चिट को निरस्त करते हुए शिकायतकर्ता से नए सिरे से साक्ष्य मांगें हैं।
अमिताभ ठाकुर ने लगाए थे गंभीर आरोप
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने सीओ अनुज चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि चौधरी ने:
- सेवा नियमावलियों का बार-बार उल्लंघन किया,
- बिना अधिकृत जिम्मेदारी के बयानबाजी की,
- पुलिसिंग कार्यों को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया,
- वर्दी आचार संहिता का उल्लंघन किया,
- वर्ग विशेष में असुरक्षा की भावना को बढ़ाया।
पूर्व जांच में क्लीन चिट, अब निरस्तीकरण
इस मामले की प्रारंभिक जांच एएसपी संभल श्रीश चंद्र द्वारा की गई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जुमा अलविदा, होली और ईद जैसे प्रमुख त्योहार संभल में शांतिपूर्वक संपन्न हुए और अनुज चौधरी पर लगे अन्य आरोपों के लिए कोई पुष्ट साक्ष्य नहीं मिले। इसी आधार पर शिकायत को निस्तारित कर दिया गया था।hfbnfbn
शिकायतकर्ता को नहीं मिला बयान का अवसर: अमिताभ ठाकुर
अमिताभ ठाकुर ने इस फैसले को अनुचित बताते हुए डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि शासनादेशों के अनुसार, किसी भी जनसुनवाई शिकायत में शिकायतकर्ता के बयान लेना आवश्यक होता है। लेकिन इस मामले में उन्हें न तो अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, न ही साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर मिला।
सरकार ने लिया संज्ञान, अब 3 दिन में मांगे गए साक्ष्य
शासन ने अमिताभ ठाकुर की आपत्ति को संज्ञान में लेते हुए आदेश जारी किया है। इसके तहत एएसपी श्रीश चंद्र ने उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे अगले 3 दिनों में अपने आरोपों के समर्थन में सुसंगत साक्ष्य और कथन प्रस्तुत करें।
जामा मस्जिद विवाद से चर्चा में आए थे अनुज चौधरी
गौरतलब है कि सीओ अनुज चौधरी का नाम उस समय सुर्खियों में आया था, जब संभल की जामा मस्जिद में जुमा के दिन होली का पर्व होने के कारण उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया था। इस पर राजनीतिक दलों और आम जनता ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी थीं।