हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 29 मई 2025 अमरोहा
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से एक बेहद चौंकाने वाला और फिल्मी कहानी जैसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस महकमे को भी हिलाकर रख दिया है। इस पूरे घटनाक्रम में न सिर्फ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि रिश्तों में आई दरार भी कानूनी जाल में बदल गई है। दरअसल, एक कांस्टेबल ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर यूपी पुलिस में 14 साल तक नौकरी की, और जब उसका अपने चाचा से विवाद हुआ, तो उसी चाचा ने उसकी पोल खोल दी। अब कांस्टेबल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और उसके चाचा के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
यह मामला अमरोहा जिले में सामने आया, जहां कांस्टेबल अखिलेश कुमार की पोस्टिंग थी। जानकारी के मुताबिक, अखिलेश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सेमरी गांव का रहने वाला है। वह यूपी पुलिस में भर्ती होना चाहता था, लेकिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में बार-बार असफल हो रहा था। तब उसके चाचा विनोद ने उसकी मदद करने का ‘नाटक’ करते हुए एक फर्जी मार्कशीट बनवाकर उसे दे दी। इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर अखिलेश वर्ष 2009 में पुलिस विभाग में भर्ती हो गया।
चाचा-भतीजे में विवाद बना जांच की वजह
करीब दो साल पहले किसी पारिवारिक कारण से चाचा-भतीजे के रिश्ते में दरार आ गई। इसी के बाद चाचा विनोद ने गोपनीय तरीके से पुलिस विभाग को शिकायत देकर बताया कि अखिलेश ने जो मार्कशीट नौकरी में दी है, वह फर्जी है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की।
जांच के दौरान पता चला कि अखिलेश कुमार ने ज्योति इंटर कॉलेज की जो मार्कशीट लगाई थी, वह फर्जी थी। यूपी बोर्ड में भेजी गई सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह सामने आया कि मार्कशीट को स्कैन कर एडिट किया गया था। उसमें अंक, नाम और रोल नंबर भी मेल नहीं खा रहे थे। इस जांच की जिम्मेदारी अमरोहा के एडिशनल एसपी को दी गई थी।
एडिशनल एसपी भी रह गए हैरान
जब एडिशनल एसपी ने अखिलेश को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया तो उसने जो खुलासा किया, उससे अधिकारी भी हैरान रह गए। उसने माना कि फर्जी मार्कशीट उसके चाचा विनोद ने ही बनवाकर दी थी। इस कबूलनामे के बाद पुलिस विभाग ने अखिलेश को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
अब चाचा भी फंसे कानूनी शिकंजे में
अखिलेश के बयान और जांच के आधार पर पुलिस ने अब उसके चाचा विनोद के खिलाफ भी अमरोहा देहात थाने में IPC की धोखाधड़ी संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। अमरोहा पुलिस के आरआई घनश्याम के अनुसार, मामले में आवश्यकता पड़ने पर गिरफ्तारियां भी की जा सकती हैं।
यह मामला न केवल पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता की बात करता है, बल्कि पारिवारिक संबंधों में बदलते समीकरणों को भी उजागर करता है। एक तरफ भतीजे को नौकरी दिलवाने वाला चाचा बाद में उसी की नौकरी छुड़वाने की वजह बना। लेकिन इस प्रक्रिया में वह खुद भी कानूनी पचड़े में फंस गया।
अमरोहा पुलिस का कहना है कि जांच निष्पक्ष रूप से की गई है और दोनों पक्षों के खिलाफ ठोस सबूत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। अगर आगे जांच में और तथ्य सामने आते हैं, तो गिरफ्तारी की भी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।