हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: शनिवार 14 जून 2025
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और हीटवेव के प्रकोप को देखते हुए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग और उसके अधीन मान्यता प्राप्त स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश को 30 जून तक बढ़ा दिया है। इस दौरान बच्चों की छुट्टियां रहेंगी, लेकिन परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूल में उपस्थित रहना होगा। इस आदेश का राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों को बुलाए जाने पर कड़ा विरोध जताया है।
15 जून से 30 जून तक बढ़ा अवकाश
बेसिक शिक्षा विभाग और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पहले 20 मई से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित था। शुक्रवार को सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने नया आदेश जारी कर कहा कि अत्यधिक गर्मी और हीटवेव के कारण छात्र-छात्राएं 30 जून तक स्कूल नहीं आएंगे। वे 1 जुलाई से नियमित रूप से पठन-पाठन के लिए उपस्थित होंगे।
शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य, मान्यता प्राप्त स्कूलों को छूट
आदेश के अनुसार, परिषदीय स्कूल 16 जून से निर्धारित समय-सारिणी के तहत संचालित होंगे। शिक्षक और अन्य कर्मचारी स्कूल में उपस्थित रहकर शैक्षणिक, प्रशासनिक और अन्य कार्य पूर्ण करेंगे। वहीं, मान्यता प्राप्त स्कूलों की प्रबंध समितियां इस संबंध में स्वयं निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जताया विरोध
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला मंत्री सुशील कुमार शर्मा ने आदेश को अव्यवहारिक और असंवेदनशील बताते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब बच्चे स्कूल नहीं आएंगे, मिड-डे मील का वितरण नहीं होगा और अधिकांश कार्य ऑनलाइन पूर्ण हो चुके हैं, तो शिक्षकों को दोपहर में स्कूल बुलाना केवल उनका शोषण है। उन्होंने मांग की कि यदि सरकार चाहे तो शिक्षकों से अन्य विभागों के कार्यों की जांच या निरीक्षण करवाया जा सकता है।
आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश
शासन ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, लेकिन शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति पर विवाद गहराता जा रहा है।