हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 9 दिसंबर से शुरू होने वाली पांच मैचों की टी20 सीरीज टीम इंडिया के लिए विश्व कप 2026 तैयारियों का निर्णायक दौर मानी जा रही है। इस बड़े टूर्नामेंट से पहले भारत को केवल 10 टी20 मुकाबले खेलने हैं—पांच साउथ अफ्रीका में और पांच जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर। यही 10 मुकाबले वर्ल्ड कप की रणनीति, संयोजन और रोल क्लैरिटी को अंतिम रूप देंगे।
टी20 वर्ल्ड कप का काउंटडाउन और टीम इंडिया की तैयारी
बारबाडोस में 2024 की ऐतिहासिक जीत के बाद भारत ने 32 टी20 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से 24 में जीत हासिल की। 82% जीत का औसत बताता है कि टीम मजबूत है, पर अभी भी दो जगहें चयनकर्ताओं को परेशान कर रही हैं—
- विकेटकीपर बैटर: संजू सैमसन vs जितेश शर्मा
- सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर: शिवम दुबे vs वॉशिंगटन सुंदर
गौतम गंभीर की कोचिंग और सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टीम ने हालांकि लगभग सभी आधार मजबूत किए हैं, लेकिन कुछ खिलाड़ियों की भूमिका अभी भी तय नहीं हो सकी है। यही अस्पष्टता बड़े टूर्नामेंट में चुनौती बन सकती है।
साउथ अफ्रीका सीरीज से क्या मिलेगा?
भारत की बल्लेबाजी में इस समय सबसे ज्यादा विकल्प मौजूद हैं। अभिषेक शर्मा पावरप्ले में तेज शुरुआत दे रहे हैं, जबकि मिडिल ऑर्डर में हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार, रिंकू सिंह जैसे फिनिशर हैं। गेंदबाजी में बुमराह और कुलदीप की जोड़ी टीम को विश्वसनीयता देती है।
इस सीरीज का सबसे बड़ा लक्ष्य होगा—रोल क्लैरिटी।
कौन किस पोजिशन पर फिक्स होगा?
कौन फिनिशर?
कौन फ्लेक्सिबिलिटी संभालेगा?
अगर प्रयोग जारी रहे तो टीम मैनेजमेंट वर्ल्ड कप से पहले संतुलित संयोजन तय नहीं कर पाएगा।
शुभमन गिल की वापसी से बैलेंस बिगड़ा?
जब तक शुभमन गिल रेड-बॉल क्रिकेट में व्यस्त थे, टीम इंडिया के ओपनिंग संयोजन में स्पष्टता थी—अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन बेहतरीन शुरुआत दे रहे थे।
लेकिन जैसे ही गिल वापस आए, वह ओपनर और उपकप्तान दोनों की भूमिका में टीम में टिक गए। इसका असर यह हुआ कि सैमसन को ओपनिंग से हटाकर मिडिल ऑर्डर या फिनिशर की भूमिका दी गई, जिसमें वह अभी तक स्थिर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
एशिया कप के बाद से सैमसन को 3, 5 और यहां तक कि 8 नंबर पर भी भेजा गया। लगातार बदलता क्रम उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर रहा है।
विकेटकीपर बैटर: संजू सैमसन या जितेश शर्मा?
विकेटकीपर स्लॉट को लेकर सबसे दिलचस्प मुकाबला है। साउथ अफ्रीका सीरीज में दोनों को मौके मिल सकते हैं।
जितेश शर्मा
- ऑस्ट्रेलिया में तीन पारियां: 0 (2), 22 (13), 3 (4)
- फिनिशर के तौर पर क्षमता दिखा चुके हैं
अगर वह तीन में से दो मैचों में अच्छा फिनिश कर देते हैं, तो वर्ल्ड कप में उनकी जगह लगभग तय मानी जा रही है।
संजू सैमसन
- नए रोल में उनका स्ट्राइक रेट 121.81 और औसत 26.80
- सैयद मुश्ताक अली में ओपनर के तौर पर शानदार फॉर्म: औसत 58.25, स्ट्राइक रेट 137.86
अब उन्हें फिनिशर की भूमिका निभानी होगी—जो उनका नैचरल गेम नहीं है। लेकिन अगर वे अवसर भुना लेते हैं, तो रेस में बने रहेंगे।
सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर: शिवम दुबे या वॉशिंगटन सुंदर?
हार्दिक पांड्या की वापसी ने टीम को मजबूती दी है। लेकिन उनके साथ दूसरे ऑलराउंडर का चयन पिच के अनुसार होगा—
- धीमी पिचें: शिवम दुबे बेहतर विकल्प
- तेज़ या हाई-स्कोरिंग पिचें: वॉशिंगटन सुंदर पार्ट-टाइम विकल्प होने के कारण जोखिमपूर्ण, ऐसे में स्पेशलिस्ट गेंदबाज जैसे अर्शदीप या हर्षित राणा बेहतर रहेंगे
गंभीर ऑलराउंडर्स को लेकर अधिक आक्रामक रणनीति चाह सकते हैं, जिससे चयन और मुश्किल बन जाता है।













