सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने IIT खड़गपुर और शारदा यूनिवर्सिटी में दो छात्रों की आत्महत्या के मामलों पर 21 जुलाई को स्वतः संज्ञान लिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच में देरी और संस्थानों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।
शारदा यूनिवर्सिटी पर तीखे सवाल
वरिष्ठ वकील अपर्णा भट्ट ने कोर्ट को बताया कि मृतका के पिता ने घटना के दो घंटे बाद FIR दर्ज कराई। इस पर जस्टिस पारदीवाला ने पूछा, “प्रबंधन ने खुद शिकायत क्यों नहीं की? क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं थी कि तुरंत पुलिस और माता-पिता को सूचित करते?” कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के रवैये को “गंभीर लापरवाही” बताया।
IIT खड़गपुर पर आत्मनिरीक्षण का दबाव
IIT खड़गपुर के मामले में कोर्ट ने पूछा, “संस्थान में क्या गड़बड़ है? छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?” अदालत ने संस्थान की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
IIT ने बनाई परामर्श समिति
IIT खड़गपुर की ओर से पेश वकील एम.आर. शामशाद ने बताया कि हालिया आत्महत्याओं के बाद संस्थान ने 10 सदस्यीय एक समिति और 12 सदस्यीय परामर्श केंद्र बनाया है। छात्र इनसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं। यह केंद्र छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करेगा।
कोर्ट ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों संस्थानों से घटनाओं से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि छात्र कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। अदालत ने साफ किया कि ऐसे मामलों में संस्थानों की जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।