हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 13 जुलाई 2025
संघीय न्यायालय का कड़ा आदेश
अमेरिका की संघीय न्यायाधीश मामी ई. फ्रिमपॉन्ग ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका देते हुए कैलिफोर्निया की सात काउंटियों में आव्रजन गिरफ्तारियों पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि लॉस एंजिलिस स्थित हिरासत केंद्रों में बंदियों को उनके वकीलों से मिलने से न रोका जाए।
नस्लीय भेदभाव का आरोप
यह आदेश प्रवासी अधिकार संगठनों द्वारा दायर उस मुकदमे के बाद आया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि ट्रंप प्रशासन दक्षिणी कैलिफोर्निया में आव्रजन के नाम पर नस्लीय भेदभाव कर रहा है। एसीएलयू के वकील मोहम्मद ताजसर ने दावा किया कि एक अमेरिकी नागरिक ब्रायन गेविडिया को सिर्फ लातीनी होने के कारण हिरासत में लिया गया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
श्वेत श्रमिकों को छोड़ा गया
एक कार वॉश सेंटर में छापे के दौरान दो श्वेत कर्मचारियों को छोड़ दिया गया, जबकि बाकी सभी को हिरासत में ले लिया गया। इससे नस्लीय पक्षपात की पुष्टि होती है। कोर्ट में यह भी बताया गया कि कैनबिस खेतों पर छापे के दौरान तीन दिहाड़ी मजदूरों को केवल उनके कपड़ों और लैटिनो होने के आधार पर पकड़ा गया।
कैनबिस फार्म पर बड़ी कार्रवाई
कैमारिलो और कार्पिन्टेरिया में आव्रजन अधिकारियों ने कैनबिस फार्म पर छापेमारी कर करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया। यह छापेमारी आपराधिक तलाशी वारंट के आधार पर की गई थी। घटनास्थल पर 10 बच्चे भी मौजूद थे। चार अमेरिकियों को अफसरों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
हिरासत केंद्र में वकीलों की पहुंच अनिवार्य
न्यायाधीश फ्रिमपॉन्ग ने यह भी निर्देश दिया कि हिरासत केंद्रों में बंदियों को कानूनी सहायता से वंचित न किया जाए। ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर यह एक बड़ी कानूनी कार्रवाई मानी जा रही है, जो नस्लीय आधार पर की जा रही गिरफ्तारियों पर सवाल उठाती है।
यह मामला अमेरिका में आव्रजन नीतियों और नस्लीय न्याय को लेकर चल रही बहस को और तेज कर सकता है। अदालत का आदेश ट्रंप प्रशासन की कठोर आव्रजन नीतियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।