हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: बुधवार 25 जून 2025
अलीगढ़। यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) अब अलीगढ़ में भी विकास की नई इबारत लिखने की तैयारी में जुट गया है। गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मथुरा और आगरा के बाद अलीगढ़ को भी यीडा के लैंडबैंक विस्तार योजना में शामिल किया गया है। प्रस्तावित परियोजनाओं को गति देने के लिए प्राधिकरण अब अलीगढ़ के किसानों से भी सीधे जमीन खरीदेगा।
यीडा क्षेत्र फिलहाल छह जिलों—गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा और हाथरस—में फैला हुआ है, जिसमें कुल 1149 गांव अधिसूचित क्षेत्र में आते हैं। अभी तक फेज-1 के तहत गौतमबुद्धनगर में विकास कार्यों पर जोर दिया गया था, लेकिन अब फेज-2 में मथुरा, आगरा और अलीगढ़ को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।
सीधे खरीदने की प्रक्रिया तेज़
जिला प्रशासन के माध्यम से अधिग्रहण की तुलना में किसानों से सीधी खरीद प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यीडा अलीगढ़ के किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन खरीदेगा। इससे भूमि विवादों की आशंका कम होगी और विकास परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से धरातल पर उतारना आसान होगा।
मथुरा-आगरा से मिले संकेत
मथुरा में हेरिटेज सिटी और आगरा में न्यू अर्बन सेंटर जैसी योजनाओं की सफलता को देखते हुए अलीगढ़ में भी बड़े स्तर पर शहरी विकास की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। मथुरा में यीडा का क्षेत्रीय कार्यालय शुरू किया जा चुका है, और अब जल्द ही अलीगढ़ में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की जा सकती है।
जमीन के रेट और मुआवजे पर सहमति
बुलंदशहर के 55 गांवों में सेक्टर-4ए और 5ए के लिए किसानों से जमीन खरीद की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। उन्हें ₹4300 प्रति वर्गमीटर और 7% आबादी भूखंड के साथ ₹3800 प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है। अलीगढ़ के लिए भी इसी मॉडल को आधार बनाकर मुआवजे की दरें तय की जाएंगी।