हिन्दुस्तान मिरर: 25 मार्च: वाराणसी: गंगा घाटों पर धार्मिक और सामाजिक आयोजनों को लेकर नए नियम लागू कर दिए गए हैं। अब किसी भी प्रकार के कार्यक्रम के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा, साथ ही इसके लिए शुल्क भी अदा करना होगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अनिवार्य
अब गंगा घाटों पर किसी भी आयोजन के लिए स्मार्ट सिटी ऐप के जरिए ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी। आयोजन से कम से कम 15 दिन पहले आवेदन देना अनिवार्य होगा, ताकि प्रशासन आवश्यक तैयारियां कर सके।
880 रुपए प्रति वर्ग मीटर शुल्क लगेगा
नगर निगम ने गंगा घाटों के उपयोग के लिए 880 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से शुल्क तय किया है। यह शुल्क आयोजन की अवधि और स्थान के अनुसार लागू होगा।
श्रद्धालुओं और आयोजकों पर पड़ेगा असर
इस नए नियम का सीधा असर धार्मिक आयोजकों और श्रद्धालुओं पर पड़ेगा। अब तक घाटों पर मुफ्त में भजन-कीर्तन, सत्संग, गंगा आरती और अन्य धार्मिक आयोजन होते थे, लेकिन अब इसके लिए शुल्क अदा करना होगा।
सुव्यवस्थित व्यवस्था या अतिरिक्त बोझ?
प्रशासन का कहना है कि इस नियम से घाटों पर होने वाले अनियंत्रित आयोजनों पर नियंत्रण रहेगा और स्वच्छता बनी रहेगी। वहीं, आयोजकों और श्रद्धालुओं का मानना है कि यह धार्मिक आयोजनों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल सकता है।
नए नियमों को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया
कुछ लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया है, जबकि कई श्रद्धालु और आयोजनकर्ता इससे नाराज हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस नियम को कितनी प्रभावी तरीके से लागू कर पाता है और इसका घाटों की व्यवस्थाओं पर क्या असर पड़ता है।