हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली। केंद्र सरकार बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा कदम उठाने जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मौजूदा 12 सरकारी बैंकों का विलय कर केवल 3 से 4 बड़े बैंक बनाने की योजना पर काम हो रहा है। इस पहल का उद्देश्य भारतीय बैंकिंग सिस्टम को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी और मजबूत बनाना है।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब सरकार ने ऐसा कदम उठाया हो। वर्ष 2020 में भी सरकार ने 10 बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाए थे, जिसके बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई थी। अब सरकार इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर भारतीय बैंकिंग सेक्टर को नई ऊंचाई देने की तैयारी कर रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े बैंक बनने से पूंजी जुटाने की क्षमता में इजाफा होगा और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में भारतीय बैंक मजबूती से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। साथ ही, ग्राहकों को बेहतर सेवाएं, उन्नत तकनीकी सुविधाएं और वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से बैंकिंग सिस्टम अधिक स्थिर होगा और वित्तीय समावेशन को गति मिलेगी। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा, जिससे देश की आर्थिक विकास दर में भी सुधार आएगा। कुल मिलाकर, यह विलय भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।