लखनऊ, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज। बुलंदशहर में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस की लापरवाही और संवेदनहीनता उजागर होने के बाद एसएसपी ने इंस्पेक्टर दिग्विजय राठी सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इससे पहले खुर्जा कोतवाल को भी लाइन हाजिर किया गया था।
डीआईजी की कार के आगे कूदी थी नाबालिग
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पीड़िता छह दिन पहले कई इरॉस पुलिसकर्मियों को धक्का देकर डीआईजी कलानिधि नैथानी की कार के आगे जाकर गिर पड़ी। उसने डीआईजी से रोते हुए शिकायत की थी कि उसके साथ रेप करने वाले आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही। मौके पर मौजूद नौ पुलिसकर्मी उसे रोक नहीं पाए। पीड़िता के इस कदम ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
तीन जून को किया था गैंगरेप
पीड़िता का आरोप है कि 3 जून को गांव के छह युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया था। इस गंभीर आरोप के बावजूद खुर्जा पुलिस ने FIR दर्ज करने में सात दिन की देरी की और 10 जून को मामला दर्ज किया। गैंगरेप के कुल आठ आरोपियों में से अब तक चार को गिरफ्तार किया जा चुका है और कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है, जबकि चार आरोपी अब भी फरार हैं।
डीआईजी ने की कार्रवाई
डीआईजी ने मामले की जानकारी मिलते ही तत्काल फटकार लगाई और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके बाद हुई जांच में लापरवाही सामने आने पर पूर्व कोतवाल पंकज राय, इंस्पेक्टर दिग्विजय राठी, दरोगा इकराम अली और शुभम राठी को निलंबित कर दिया गया। वहीं, फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

















