हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑19 मई : 2025
नई दिल्ली, 19 मई 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान चले ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को विदेश मामलों की संसदीय समिति को अहम जानकारी दी। इस बैठक में समिति के सदस्यों ने पाकिस्तान से जुड़े कई गंभीर सवाल उठाए, जिनका विदेश सचिव ने स्पष्ट और तथ्यों पर आधारित जवाब दिया।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में एक सवाल यह भी उठा कि क्या पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ न्यूक्लियर अटैक की कोई धमकी दी थी? इस पर विदेश सचिव ने साफ किया कि,
“पाकिस्तान की तरफ से न्यूक्लियर हमले की कोई जानकारी या धमकी नहीं दी गई थी। यह पूरी तरह कन्वेंशनल युद्ध था।”
सरकार ने समिति को यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के किसी भी न्यूक्लियर ठिकाने को निशाना नहीं बनाया। यह बयान उस समय आया है जब कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि क्या पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का उपयोग किया? इस पर विदेश सचिव ने जवाब देते हुए कहा,
“पाकिस्तान ने जो भी हथियार इस्तेमाल किए, भारतीय सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। हमारी सुरक्षा एजेंसियों के पास उनके हथियारों की पूरी जानकारी है।”
विदेश सचिव ने समिति को बताया कि पाकिस्तान की सैन्य खुफिया एजेंसी ISI, आतंकी संगठनों और वहां की सरकार के बीच सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“पहलगाम आतंकी हमले की जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने पाकिस्तान में बैठे आकाओं से सीधा संपर्क किया था। आतंकवाद के पनाहगाह के रूप में पाकिस्तान का रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित है।”
विदित हो कि 5 मई को हुए पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षाबलों के कई जवान शहीद हुए थे। इसके जवाब में भारत ने 6 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह अभियान कई दिनों तक चला और इसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा।
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम (सीजफायर) की घोषणा हुई, जिसके बाद सीमाओं पर हालात सामान्य हुए।
हालात की गंभीरता को देखते हुए विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसद का विशेष सत्र आयोजित करने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि देश को ऐसे संवेदनशील हालात में एकजुटता की जरूरत है और सरकार को सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना चाहिए।