हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 24 मई : 2025
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान के आतंकवाद और सीमा पार हमलों को लेकर कड़ा आरोप लगाते हुए उसे “घोर पाखंडपूर्ण” व्यवहार का दोषी ठहराया है। भारत ने स्पष्ट किया कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई फर्क नहीं करता, उसके पास नागरिक सुरक्षा की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आरोप विशेष रूप से पाकिस्तान की हालिया भारतीय सीमावर्ती इलाकों पर गोलाबारी और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कार्रवाई पर केंद्रित है, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए।
पाकिस्तान ने उठाया था कश्मीर मुद्दा
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कश्मीर मुद्दा उठाया और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष का हवाला दिया। इसके जवाब में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि भारत दशकों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के हमलों का सामना कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से 26/11 मुंबई हमले और हाल ही में अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए निर्दोष पर्यटकों की सामूहिक हत्या का जिक्र किया।
भारत का आरोप: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान ने लंबे समय से भारत की सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, जिसका मुख्य शिकार आम नागरिक रहे हैं। उनका कहना था कि आतंकवाद का मकसद भारत की प्रगति, समृद्धि और मनोबल को नुकसान पहुंचाना है। ऐसे देश का नागरिक सुरक्षा का मुद्दा उठाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है।
पाकिस्तान ने नागरिकों को ढाल बनाया
भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों का ढाल बनने का आरोप लगाया। हरीश ने बताया कि पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई फर्क नहीं करते। इसलिए, पाकिस्तान को नागरिक सुरक्षा की बात करने का कोई अधिकार नहीं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा
हरीश ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति अपनानी चाहिए। आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और उसका बचाव करने वालों को पूरी तरह से बहिष्कृत करना आवश्यक है। परिषद को नागरिकों के जीवन, सम्मान और अधिकारों की प्रभावी और समयबद्ध सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध और तनावपूर्ण हो गए। इसके बाद भारत ने छह मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में न सिर्फ पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजित व्यवहार की कड़ी निंदा की, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद और नागरिक सुरक्षा को साथ लेकर चलना आवश्यक है और आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कठोर और एकजुट कदम उठाना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने के गंभीर आरोप लगाए हैं, जो वर्तमान तनाव की जड़ हैं। इस वार्ता ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मुद्दों को दोबारा जोरदार तरीके से सामने रखा है।