हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 28 मई 2025
शाहजहांपुर। पंडित रामप्रसाद बिस्मिल मेडिकल कॉलेज में एक दर्दनाक और शर्मनाक घटना ने सरकारी अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर कर दी हैं। जिले के रोजा थाना क्षेत्र के अटसलिया गांव में रहने वाले एक गरीब बेटे ने अपनी बीमार मां नन्ही देवी के इलाज के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को रिश्वत दी, लेकिन इसके बावजूद उनकी मां की जान नहीं बचाई जा सकी।
मां की तबीयत अचानक बिगड़ने पर बेटे ने 108 एम्बुलेंस सेवा से एम्बुलेंस बुलाकर अपनी मां को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। वहां एम्बुलेंस चालक ने इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कराने के लिए 100 रुपये की रिश्वत मांगी, जो बेटे ने मजबूरी में दे दिए। इसके बाद वार्ड बॉय ने भी डॉक्टर से त्वरित चेकअप के लिए 100 रुपये की मांग की। बेटे ने फिर भी उम्मीद में वह रकम दे दी, लेकिन इलाज शुरू नहीं हो सका।
कुछ ही देर बाद मां ने बेटे की गोद में ही दम तोड़ दिया। सबसे शर्मनाक बात यह रही कि मां की मौत के बाद अस्पताल के कर्मचारी लौटकर 100 रुपये वापस लौटाने लगे, जो उन्होंने रिश्वत के रूप में लिए थे।
यह घटना न केवल एक मां की मौत की कहानी है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और उसकी तानाशाही का सच्चा चेहरा भी है। एक गरीब परिवार की मजबूरी का फायदा उठाकर अस्पताल के कर्मचारी रिश्वत मांगते रहे, और इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाने में नाकाम रहे।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जाएगा।