हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 29 मई 2025
अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के गौरीगंज रेलवे स्टेशन से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्टेशन अधीक्षक प्रवीण सिंह की एक कथित ‘सिफारिशी लिस्ट’ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। इस लिस्ट में 13 स्लीपर और 5 एसी टिकटों के लिए पहले से नाम दर्ज हैं, जिससे आम यात्रियों में भारी आक्रोश है।
वायरल लिस्ट में रेलवे स्टेशन अधीक्षक के हस्ताक्षर और मुहर लगी हुई है, जिससे यह अंदेशा और भी गहरा हो गया है कि यह कोई फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि भीतर से चल रही एक साजिश का हिस्सा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्टेशन अधीक्षक 14 वर्षों से गौरीगंज स्टेशन पर तैनात हैं और अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुलेआम मनमानी कर रहे हैं।
आम यात्रियों के हिस्से में सिर्फ मायूसी
स्टेशन पर रोजाना बड़ी संख्या में यात्री तत्काल टिकट के लिए लाइन में लगते हैं, लेकिन ज्यादातर को टिकट नहीं मिल पाता। यात्रियों का कहना है कि वे पूरी रात इंतजार करते हैं, लेकिन जब टिकट की बारी आती है तो उन्हें बताया जाता है कि सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। अब जब यह लिस्ट सामने आई है, तो यह स्पष्ट हो गया है कि पहले से ही कुछ खास लोगों के नाम दर्ज कर लिए जाते हैं, जिससे आम लोगों के लिए टिकट मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
साइबर कैफे से जुड़ा कनेक्शन भी आया सामने
मामले में एक और हैरान करने वाला पहलू यह है कि स्टेशन अधीक्षक प्रवीण सिंह का भाई साइबर कैफे चलाता है, जो ‘कन्फर्म टिकट’ दिलाने का दावा करता है। स्थानीय सूत्रों का आरोप है कि यह पूरा नेटवर्क मिलकर टिकट की कालाबाजारी करता है और यात्रियों से भारी रकम वसूलता है।
रेलवे अधिकारियों ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में जब रायबरेली स्टेशन के सीएएनआई डी.डी. शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इस तरह की गतिविधियां बिल्कुल गलत हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।