हिन्दुस्तान मिरर न्यूज,लखनऊ
दलित कर्मियों के नाम पर की गई थी खरीद
लखनऊ में बीबीडी (Babu Banarasi Das) ग्रुप के संचालकों द्वारा दलित कर्मचारियों के नाम पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्तियां खरीदी और चलाए जाने का मामला सामने आया है। आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने इस संबंध में बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 भूखंड जब्त किए हैं।
मुख्य बातें – संक्षिप्त में
- जमीनों का विवरण
ये भूखंड चिनहट इलाके—अयोध्या रोड पर—उत्तरधौना, जुग्गौर, 13 खास, सरायशेख व सेमरा ग्राम में स्थित हैं। इनका कुल क्षेत्र लगभग 8 हेक्टेयर है और इनकी बाजार कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक मानी गई, जबकि सर्किल रेट लगभग 20 करोड़ है - कुल कीमत
आयकर विभाग की प्रारंभिक गणना में इनके बाजार मूल्य को करीब 100 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि आधिकारिक सर्किल रेट के अनुसार यह लगभग 20 करोड़ रुपये है । - फर्जी स्वामित्व की चाल
संपत्तियां दलित कर्मचारियों और आमदनी के स्रोत न होने वाले अन्य व्यक्तियों के नामों पर खरीदी गई थीं। नकद भुगतान किया गया और ऐसे कई दस्तावेज फर्जी घोषित किए गए ताकि असली स्वामियों—अलका दास, विराज सागर दास और उनकी संस्थाओं—का पता न चले - असली लाभार्थी
कार्रवाई के दौरान पता चला कि असली मुनाफा पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अखिलेश दास की पत्नी अलका दास, उनके पुत्र विराज सागर दास तथा ‘Viraj Infratown Pvt Ltd’ और ‘Hi-Tech Protection India Pvt Ltd’ जैसी कंपनियों को हो रहा था - जाँच की प्रक्रिया
विभाग ने 2021 से मामले की जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि अनेक भूखंडों को बेचकर नगद निकाले गए ताकि कोई रिकॉर्ड न रहे। अब विभाग ने जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाकर, बिक चुकी संपत्तियों की विस्तृत जानकारी भी मांग ली है - अगले कदम
विभाग ने संबंधित रजिस्ट्री कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि इन भूखंडों की खरीद-फरोख्त को रोका जाए। साथ ही, अन्य बेनामी संपत्तियों की तालिका तैयार कर ज़रूरी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है ।
यह मामला अत्यंत गंभीर है—दलित कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति का रेकार्ड बनाकर असली मनी लॉन्ड्रिंग की गई। आयकर विभाग की सक्रियता इस दिशा में एक मजबूत कदम है, जो यह संदेश देती है: बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी बर्दाश्त नहीं होगी।