हिन्दुस्तान मिरर न्यूज, 09 जुलाई 2025
बुधवार को हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन भारतीय रुपये में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे कमजोर होकर 85.90 के स्तर पर पहुंच गया। इंटरबैंक फॉरेन मनी एक्सचेंज मार्केट में रुपये की शुरुआत 85.84 पर हुई थी, जो बाद में और गिरकर 85.90 पर बंद हुआ। यह स्तर मंगलवार के बंद भाव 85.73 की तुलना में स्पष्ट गिरावट को दर्शाता है।
हालांकि रुपये में यह गिरावट और गहरी हो सकती थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने इसकी तीव्रता को रोका। फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर्स के अनुसार, क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट ने रुपये को कुछ हद तक सहारा दिया, जिससे अपेक्षित तेज गिरावट नहीं देखने को मिली। यह एक संकेत है कि कच्चे तेल की कीमतें अभी भी रुपये की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
दूसरी ओर, मंगलवार को रुपये ने मजबूती दिखाई थी और डॉलर के मुकाबले 21 पैसे मजबूत होकर 85.73 के स्तर पर बंद हुआ था। लेकिन डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाता है, उसमें 0.17% की बढ़ोतरी हुई और यह 97.68 तक पहुंच गया। इससे डॉलर की मजबूती और रुपये पर दबाव का संकेत मिला।
बाजार की अस्थिरता की एक और वजह वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तांबे पर 50 प्रतिशत और फार्मास्युटिकल उत्पादों पर 200 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की चेतावनी ने निवेशकों को सतर्क कर दिया। इसके अलावा ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने के संकेत ने भी वैश्विक बाजारों में बेचैनी बढ़ा दी। नतीजतन, बुधवार को भारतीय शेयर बाजार भी शुरुआती कारोबार में लाल निशान पर रहा।
इन तमाम वैश्विक कारकों और डॉलर की मजबूती के बीच रुपये पर दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत और अमेरिकी नीतिगत घोषणाएं रुपये की दिशा तय करेंगी।