हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:12 जुलाई 2025
Air India Flight 171 दुर्घटना की AAIB रिपोर्ट से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए
अहमदाबाद, 12 जून 2025: एयर इंडिया की फ्लाइट 171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस भयावह हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें 241 यात्री और बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में मौजूद 30 छात्र शामिल थे। अब विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की 15 पन्नों की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें हादसे के कई अहम कारणों का खुलासा हुआ है।
फ्यूल स्विच बना हादसे की वजह
रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच “RUN” से “CUTOFF” हो गए थे। इससे दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई, जिससे उनकी कार्यक्षमता तेजी से गिरने लगी। इस तकनीकी गड़बड़ी ने पायलटों को भी असमंजस में डाल दिया। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के मुताबिक, एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों कटऑफ किया?”, जिस पर उत्तर मिला, “मैंने नहीं किया।” यह बातचीत स्पष्ट करती है कि दोनों पायलटों के बीच फ्यूल स्विच को लेकर भ्रम की स्थिति थी।
पायलटों की कोशिश और MAYDAY अलर्ट
स्विच बंद होने के बाद पायलटों ने जल्द ही स्थिति को संभालने की कोशिश की और फ्यूल स्विच को दोबारा “RUN” पर ले आए। एयरक्राफ्ट के एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) डेटा से पता चलता है कि यह प्रयास टेकऑफ के तुरंत बाद हुआ। हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी।
1:38 AM पर विमान ने उड़ान भरी और 1:39 AM पर कैप्टन ने “MAYDAY MAYDAY MAYDAY” अलर्ट जारी किया। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने कॉल साइन की पुष्टि करनी चाही लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। कुछ ही सेकंड बाद विमान एयरपोर्ट से बाहर जाकर क्रैश हो गया।
जहां गिरा विमान, वहीं मचा कहर
विमान अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा गिरा। क्रैश इतना भीषण था कि विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई और होस्टल में मौजूद 30 छात्र भी इसकी चपेट में आ गए। केवल एक यात्री की बचाव की पुष्टि रिपोर्ट में की गई है।
दोनों पायलट थे अनुभवी और फिट
रिपोर्ट के अनुसार, विमान को कैप्टन सुमीत सभरवाल उड़ा रहे थे, जिनके पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था। उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 1,100 घंटे का अनुभव था। दोनों पायलट मेडिकल रूप से फिट थे और उनके व्यवहार या स्वास्थ्य में कोई असामान्यता नहीं पाई गई।
RAT की तैनाती से आपात स्थिति की पुष्टि
हादसे के दौरान रैम एयर टर्बाइन (RAT) की तैनाती भी देखी गई, जो केवल दोहरे इंजन फेलियर या गंभीर इलेक्ट्रॉनिक/हाइड्रोलिक फेलियर की स्थिति में होती है। एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज में यह RAT सक्रिय होता दिखाई दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर थी।
इतिहास की पुनरावृत्ति
इससे पहले 1980 के दशक में भी डेल्टा एयरलाइंस के एक पायलट ने गलती से बोइंग 767 का फ्यूल बंद कर दिया था, लेकिन वह उसे दोबारा चालू करने में सफल रहा क्योंकि विमान ऊंचाई पर था। अहमदाबाद की दुर्घटना में टेकऑफ के तुरंत बाद यह हुआ, जिससे पायलटों को कोई मौका नहीं मिल सका।