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उत्तर प्रदेश: 27 जुलाई को RO/ARO परीक्षा, AI से होगी निगरानी

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 20 जुलाई 2025

समीक्षा अधिकारी परीक्षा 27 जुलाई को: सख्त सुरक्षा और तकनीकी निगरानी के साथ प्रशासन तैयार

उत्तर प्रदेश में 27 जुलाई को आयोजित होने जा रही समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा को लेकर प्रशासन ने अभूतपूर्व तैयारियां की हैं। इस बार परीक्षा में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए तकनीक आधारित निगरानी और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। परीक्षा एक ही पाली में सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 तक प्रदेश के सभी 75 जिलों के 2,382 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी भाग लेंगे।

तकनीकी निगरानी से लैस परीक्षा

परीक्षा में किसी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए कई स्तरों पर निगरानी के इंतजाम किए गए हैं। सभी परीक्षा केंद्रों पर AI आधारित निगरानी, सीसीटीवी की लाइव फीड और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अफवाह या गड़बड़ी की निगरानी के लिए विशेष मॉनिटरिंग सेल सक्रिय रहेगा, जो तत्काल कार्रवाई करेगा।

प्रश्नपत्रों की गोपनीयता और सुरक्षा

प्रश्नपत्रों की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए उन्हें दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराया गया है। परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पहले, कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन प्रणाली के जरिए एक प्रश्नपत्र सेट का चयन किया जाएगा। प्रश्नपत्रों को आठ जंबल्ड सीरीज में तैयार किया गया है, जिनमें यूनिक बारकोड और सीरियल कोडिंग की गई है। इन सेट्स को त्रिस्तरीय लॉक वाले सीलबंद बक्सों और पाँच परतों वाली टेम्पर-प्रूफ पैकिंग में सुरक्षित रखा गया है।

बायोमेट्रिक पहचान और कड़ी सुरक्षा

अभ्यर्थियों की पहचान पूरी तरह डिजिटल की गई है। ई-एडमिट कार्ड को ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) से लिंक किया गया है। परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पूर्व बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और फेस रिकग्निशन अनिवार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त, डबल-लेयर सुरक्षा जांच भी अनिवार्य होगी, जिसे पुलिस और एजेंसी के प्रतिनिधि मिलकर पूरा करेंगे।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध

किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, ब्लूटूथ डिवाइस, स्मार्टवॉच आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। परीक्षा केंद्रों में किसी के पास यह उपकरण पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी मजिस्ट्रेट को दी गई है।

प्रशासनिक निगरानी और पारदर्शिता

हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और प्रशिक्षित पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। इनमें से 50 प्रतिशत स्टाफ जिलाधिकारी द्वारा तथा शेष विद्यालय निरीक्षक द्वारा नियुक्त किया गया है। पर्यवेक्षकों की ड्यूटी भी कंप्यूटर रैंडमाइजेशन के जरिए तय की गई है ताकि किसी भी तरह की साठगांठ रोकी जा सके। सेक्टर मजिस्ट्रेट परीक्षा केंद्रों की लगातार निगरानी करेंगे और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगे।

इस परीक्षा को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जो कदम उठाए हैं, वे राज्य में परीक्षा प्रणाली को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं।

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