हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:27 जुलाई 2025
संसद में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर विशेष बहस से पहले कांग्रेस का हमला, ट्रंप के दावे और सेना के बयानों से सरकार को घेरा
नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025 |
संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में “ऑपरेशन सिंदूर” और 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष बहस निर्धारित है। इससे पहले कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि इन दोनों मामलों में रणनीतिक चूक, राजनीतिक हस्तक्षेप और सुरक्षा एजेंसियों की विफलता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
कांग्रेस ने विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस विवादित दावे को मुद्दा बनाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत को व्यापारिक नुकसान की धमकी देकर ऑपरेशन सिंदूर रुकवाने की कोशिश की और ऐसा 26 बार किया। पार्टी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा गंभीर मामला बताया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पार्टी ने तुरंत दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने तब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अब भले ही देर से सही, लेकिन संसद में इस पर 16 घंटे की बहस हो रही है, जो स्वागत योग्य है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अब तक सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों को भी एकत्र कर सरकार पर दबाव बनाया है। 30 मई को सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने स्वीकार किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती दो दिन रणनीतिक रूप से कमजोर रहे।
इसके बाद, 29 जून को इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अधिकारी ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने भी संकेत दिया कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ऑपरेशन में देरी और नुकसान हुआ।
साथ ही, 4 जुलाई को लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने खुलासा किया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत को चीन से तकनीकी और सामरिक स्तर पर टकराव का सामना करना पड़ा।
सबसे तीखा बयान 14 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का रहा, जिन्होंने स्वीकार किया कि पहलगाम हमला सुरक्षा एजेंसियों की विफलता का परिणाम था, और उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया।
इन बयानों के आधार पर कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने न केवल रणनीतिक स्तर पर चूक की, बल्कि बाद में पारदर्शिता से इन मुद्दों पर जवाबदेही भी नहीं ली। पार्टी ने साफ किया है कि वह संसद के भीतर और बाहर इन मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अब सभी की नजर संसद में होने वाली बहस पर टिकी है, जहां इन आरोपों के बीच सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी।