हिन्दुस्तान मिरर न्यूज-
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान जाने के बाद भारत ने आतंकवाद को करारा जवाब देते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया। शनिवार 9 अगस्त को आईआईटी मद्रास में थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस ऑपरेशन से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं।
जनरल द्विवेदी ने बताया कि 23 अप्रैल को तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा मंत्री की बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री ने साफ कहा — “अब बहुत हो गया।” सेना को पूरी छूट दी गई कि कैसे जवाब देना है। उन्होंने कहा कि इस तरह का राजनीतिक आत्मविश्वास और स्पष्टता पहली बार देखने को मिली।
25 अप्रैल को उत्तरी कमान का दौरा कर ऑपरेशन की योजना, संकल्पना और क्रियान्वयन की रणनीति तैयार की गई। इस मिशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें से 7 ठिकाने पूरी तरह नष्ट कर दिए गए। हवाई हमलों में करीब 100 आतंकवादी मारे गए। 29 अप्रैल को सेना प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर ऑपरेशन की जानकारी दी।
उन्होंने पाकिस्तान के रुख पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि आप हारे या जीते, तो वह कहेगा कि मेरा चीफ फील्ड मार्शल बन गया है। हम ही जीते होंगे, तभी तो वह फील्ड मार्शल बन गया है।”
ऑपरेशन सिंदूर में थल सेना के साथ वायुसेना और नौसेना ने भी समन्वित भूमिका निभाई। वायुसेना प्रमुख ने पहले ही खुलासा किया था कि इस मिशन में पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमान मार गिराए गए।
यह जवाबी कार्रवाई उस नृशंस आतंकी हमले के बाद की गई, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। जनरल द्विवेदी ने दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी और देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।