हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली।
नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (NCIB) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंटरनेट व सोशल मीडिया पर उपलब्ध अश्लील एवं अर्ध-अश्लील (Porn एवं Semi-Porn) वेबसाइटों और सामग्री पर कठोर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। संगठन का कहना है कि इस प्रकार की सामग्री समाज पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डाल रही है और विशेषकर बच्चों, किशोरों एवं युवाओं के मानसिक और नैतिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।
संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा/निदेशक सुरेश शुक्ल ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में इंटरनेट पर इस तरह की सामग्री की भरमार है, जिससे समाजिक और पारिवारिक ढांचे पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने लिखा कि अश्लील वेबसाइटें और सोशल मीडिया की अर्ध-अश्लील सामग्री किशोरों और युवाओं में लत उत्पन्न कर उनके भविष्य को बर्बाद कर रही हैं। साथ ही, यह प्रवृत्ति यौन अपराधों, छेड़छाड़ और शोषण की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि इस प्रकार की सामग्री पारिवारिक संबंधों में दरार डालने के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों का ह्रास कर रही है। छोटे बच्चों के मनोविज्ञान पर इसका गहरा असर हो रहा है और वे गलत दिशा की ओर बढ़ने को विवश हो रहे हैं।
सुरेश शुक्ल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाकर समाज सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है, उसी प्रकार यदि Porn और Semi-Porn वेबसाइटों तथा सोशल मीडिया सामग्री पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए तो यह परिवारों और समाज के नैतिक उत्थान के साथ ही युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करेगा।
NCIB ने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है कि इस विषय पर तत्काल ठोस कदम उठाकर संबंधित मंत्रालयों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएं। संगठन का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह निर्णय भारत को एक नैतिक, सशक्त एवं सुरक्षित समाज की दिशा में अग्रसर करेगा।