हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में आईआईटी काउंसिल की 56वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सभी आईआईटी निदेशकों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इसमें इंजीनियरिंग और बीटेक शिक्षा को अंग्रेजी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं में भी पढ़ाने, इंडस्ट्री सहयोग को बढ़ावा देने, स्पोर्ट्स कोटा लागू करने और छात्रों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने जैसे कई अहम फैसले लिए गए।
भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा
बैठक का सबसे बड़ा एजेंडा बीई और बीटेक की पढ़ाई को भारतीय भाषाओं में प्रोत्साहित करना रहा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी को समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी टीचिंग माध्यम में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2047 तक समृद्ध भारत के निर्माण में आईआईटी अग्रणी भूमिका निभाएंगी।
वर्तमान में आईआईटी जोधपुर ने हिंदी माध्यम में बीटेक पढ़ाई की शुरुआत कर दी है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब दूसरी आईआईटी को भी इस पहल को अपनाने का सुझाव दिया गया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) पहले से ही हिंदी समेत 11 भाषाओं – तमिल, तेलुगु, उर्दू, मलयालम, बंगाली, असमिया, मराठी, कन्नड़, उड़िया, गुजराती और पंजाबी – में इंजीनियरिंग की किताबें तैयार कर रही है।
स्पोर्ट्स कोटा और स्कॉलरशिप
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आईआईटी मद्रास की तर्ज पर सभी आईआईटी में स्पोर्ट्स कोटा लागू किया जाएगा। इससे खेल प्रतिभा को भी उच्च शिक्षा में अवसर मिलेगा। साथ ही एससी-एसटी छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप राशि में बढ़ोतरी पर सहमति बनी है। हालांकि, अंतिम निर्णय प्रत्येक आईआईटी का बोर्ड करेगा।
इंडस्ट्री और विशेषज्ञों का सहयोग
मीटिंग में जोर दिया गया कि आईआईटी को कोर्स करिकुलम से लेकर रिसर्च तक इंडस्ट्री से जुड़ना चाहिए। इससे रिसर्च का स्तर विश्वस्तरीय होगा और उनके उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलेगी। इसके लिए “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस” स्कीम पर भी चर्चा हुई, जिसके तहत इंडस्ट्री विशेषज्ञ और अनुभवी प्रोफेशनल छात्रों को पढ़ा सकेंगे।
छात्रों का वार्षिक हेल्थ चेकअप
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी प्रशासन को छात्रों की समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए हर साल छात्रों का वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण और कैंपस में हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई।
जेईई एडवांस्ड में कोचिंग पर निर्भरता घटाने का प्रस्ताव
बैठक में जेईई एडवांस्ड परीक्षा को लेकर भी चर्चा हुई। प्रस्ताव रखा गया कि छात्रों की कोचिंग पर निर्भरता कम की जाए। इसके लिए मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई है जो इस पर सिफारिशें तैयार करेगी। अगले चरण में इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा होगी।
कुल मिलाकर, बैठक में भारतीय भाषाओं में शिक्षा, खेल को प्रोत्साहन, इंडस्ट्री सहयोग और छात्रों के स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर कई अहम निर्णय लिए गए, जिनसे आने वाले समय में आईआईटी की शिक्षा प्रणाली और अधिक समावेशी और आधुनिक बनने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।