एएमयू डेंटल सर्जनों ने सफलतापूर्वक जबड़े का विशाल ट्यूमर निकाला
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज व अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बड़ी शल्य चिकित्सा सफलता हासिल करते हुए 22 वर्षीय युवक के जबड़े से विशाल आकार का ट्यूमर निकाल दिया। यह युवक पिछले 10 साल से अधिक समय से इस बीमारी और विकृति के साथ जीवन व्यतीत कर रहा था।
इस मरीज का पहली बार 13 साल पहले अहमदाबाद में ऑपरेशन हुआ था, लेकिन कुछ महीनों में ही ट्यूमर फिर उभर आया। 8.5×11.5×7.5 सेंटीमीटर आकार का यह ट्यूमर न केवल उसके चेहरे को विकृत बना रहा था, बल्कि इस के चलते वह सामाजिक रूप से भी अलग-थलग पड़ चुका था।
एएमयू के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में चार घंटे चले ऑपरेशन में विभागाध्यक्ष प्रो. सज्जाद अब्दुर रहमान के नेतृत्व में फैकल्टी और रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम ने यह जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। टीम में डॉ. मोहम्मद दानिश, डॉ. ताबिश उर रहमान, सीनियर रेजिडेंट डॉ. अनुप्रिया और जूनियर रेजिडेंट डॉ. जिंगशाइहुन, डॉ. रोशनी और डॉ. लवकुश शामिल रहे।
एनेस्थीसिया विभाग की टीम, जिसका नेतृत्व डॉ. सैयद कमरान हबीब ने किया, ने जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में भी सर्जरी को सुरक्षित रूप से संपन्न कराया। मरीज तेजी से ठीक हुआ और एक हफ्ते बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
प्रो. रहमान ने बताया कि ऐसे ट्यूमर आमतौर पर बेनाइन होते हैं और दांत बनने की प्रक्रिया से जुड़े ऊतकों से उत्पन्न होते हैं। इनमें एमीलोब्लास्टोमा सबसे आम है। उन्होंने कहा कि समय पर जांच और इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।
डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. आर.के. तिवारी ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह मामला संस्थान की उन्नत और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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एएमयू के कृषि विज्ञान संकाय में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस पर सतत विकास लक्ष्यों पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कृषि सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा कृषि विज्ञान संकाय के सेंटर ऑफ एग्रीकल्चरल एजुकेशन (सीएई) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस 2025 पर “संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने में सूक्ष्मजीवों की भूमिका” विषय पर शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विभागाध्यक्ष के मार्गदर्शन में शोधार्थियों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने कृषि, पर्यावरण और मानव कल्याण में सूक्ष्मजीवों के महत्व पर चर्चा की।
कार्यक्रम की शुरुआत कृषि विज्ञान संकाय के डीन प्रो. आर.यू. खान ने मुख्य व्याख्यान में मृदा स्वास्थ्य, पोषक तत्व चक्र, पौधों की वृद्धि और टिकाऊ खेती में सूक्ष्मजीवों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। कृषि सूक्ष्मजीव विज्ञान विभागाध्यक्ष और सीएई के समन्वयक प्रो. इकबाल अहमद ने विभाग की कृषि, पर्यावरणीय और अनुप्रयुक्त सूक्ष्मजीव विज्ञान में विशेषज्ञता का उल्लेख करते हुए छात्रों और हितधारकों से शोध सुविधाओं का उपयोग कर सतत विकास की दिशा में सहयोगी प्रयासों की अपील की।
प्रो. मोहम्मद सगीर खान ने सूक्ष्मजीव विज्ञान का इतिहास बताते हुए एंटनी वैन ल्यूवेनहॉक, लुई पाश्चर, रॉबर्ट कॉख जैसे वैज्ञानिकों के योगदान को याद किया। कार्यक्रम में शोध छात्रों के बीच खुली चर्चा भी हुई, जिसमें उन्हें सूक्ष्मजीव विज्ञान को समाधान-उन्मुख विज्ञान के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन दिव्या वाष्र्णेय (जेआरएफ-सीएसआईआर) ने किया। सक्रिय सहयोग देने वालों में सैयद हुमारा अंद्राबी, सना सैफी, दानिश निगार, सादफ खान, शीरीं अख्तर और सारा अहमद खान शामिल थीं। धन्यवाद ज्ञापन सृष्टि श्रीवास्तव (जेआरएफ-डीएसटी) ने किया।
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अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एएमयू शोधार्थी ने कार्पेट उद्योग में सामाजिक बहिष्करण पर शोध पत्र प्रस्तुत किया
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल एडवांसमेंट ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडिया (सीपीईसीएएमआई) में समाजशास्त्र की अतिथि अध्यापिका डॉ. आसफिया करीमी ने बुडापेस्ट, हंगरी में आयोजित फर्स्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन पर्शियन कार्पेट में ऑनलाइन मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ. करीमी ने “भदोही के कार्पेट उद्योग में नवाचार और उससे उत्पन्न सामाजिक बहिष्करण की प्रवृत्ति” विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वैश्वीकरण और तकनीकी विकास ने कार्पेट उद्योग को पारंपरिक ढांचे से बदलकर केंद्रीकृत और तकनीक-आधारित मॉडल में ढाल दिया है। उनके शोध में सामने आया कि इस क्षेत्र में “डिजिटल गैप” बढ़ रहा है। बड़ी कंपनियां और निर्यातक, जिनके पास उन्नत तकनीक और ऑनलाइन मंचों तक पहुंच है, अधिक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वहीं छोटे निर्यातकों के पास ऐसे साधन न होने से वे हाशिए पर जा रहे हैं और बाजार से बाहर होने के खतरे का सामना कर रहे हैं।
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एएमयू के कैरियर प्लानिंग सेंटर में अल्पकालिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों में प्रवेश की घोषणा
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विमेंस कॉलेज स्थित सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग द्वारा अक्टूबर-दिसंबर 2025 (द्वितीय बैच) के लिए विभिन्न प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम केवल छात्राओं के लिए है और इसमें व्यावसायिक तथा पेशेवर प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
केंद्र के निदेशक, प्रो. मसूद अनवर अल्वी ने बताया कि जिन पाठ्यक्रमों की घोषणा की जा रही है, उनमें वर्ड प्रोसेसिंग, कंप्यूटर टाइपिंग (अंग्रेजी/हिंदी/उर्दू), टैली, इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग, वेब डिजाइनिंग एंड पब्लिशिंग, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग (पायथन), ब्यूटी कल्चर (स्किन केयर, हेयर केयर, एडवांस्ड तकनीकें), फैशन इलस्ट्रेशन एंड स्केचिंग, गारमेंट मेकिंग, टेक्सटाइल डिजाइनिंग, नीडलवर्क (कढ़ाई), इंग्लिश फ्लुएंसी डेवलपमेंट, शॉर्टहैंड, इंटीरियर डेकोरेशन, कमर्शियल आर्ट और हैंडीक्राफ्ट शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि ऑफलाइन प्रवेश फार्म केंद्र कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं और इन्हें 30 सितंबर 2025 तक जमा करना अनिवार्य है। कक्षाएं 1 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होंगी और सप्ताह में तीन दिन आयोजित की जाएंगी। प्रवेश पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिए जाएंगे।
फीस संरचना भी छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखकर रखी गई है। कंप्यूटर कोर्स के लिए 1700, रूप्ये अन्य कोर्स के लिए 800 रूप्ये और नामांकन शुल्क 150 रूप्ये है। आवेदन के साथ हाई स्कूल (कक्षा 10) के अंकपत्र व प्रमाणपत्र की दो प्रतियां और तीन पासपोर्ट आकार की हालिया फोटो जमा करना आवश्यक है।
अधिक जानकारी के लिए छात्राएं महिला कॉलेज के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग से संपर्क कर सकती हैं या एएमयू की वेबसाइट ूूूण्ंउनण्ंबण्पद देख सकती हैं।
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एएमयू विमेंस पॉलिटेक्निक में कम्प्यूटरीकृत मशीन एम्ब्रॉयडरी पर कार्यशाला
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विमेंस पॉलिटेक्निक में तीन दिवसीय वर्कशॉप/हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं और शिक्षकों को कम्प्यूटरीकृत मशीनों की मदद से आधुनिक कढ़ाई तकनीकों का प्रशिक्षण देना था।
विमेंस पॉलिटेक्निक की प्राचार्या, डॉ. सलमा शहीन ने उद्घाटन सत्र में कहा कि फैशन और वस्त्र उद्योग की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए पारंपरिक शिल्प को नई तकनीकों से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम एएमयू के व्यापक शैक्षिक उद्देश्यों के अनुरूप कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा देते हैं।
कार्यशाला में कॉस्ट्यूम डिजाइन एंड ड्रेस मेकिंग सेक्शन और बी.वोक. फैशन डिजाइन एंड गारमेंट टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं और शिक्षकोंस अमित लगभग 60 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। शर्मा ट्रेडर्स के प्रशिक्षकों द्वारा लिए गए सत्रों में प्रतिभागियों को डिजिटल डिजाइन इनपुट, मशीन सेटिंग्स, मटीरियल हैंडलिंग, ट्रबलशूटिंग और क्रिएटिव एप्लिकेशंस की जानकारी दी गई। प्रत्येक प्रतिभागी ने कम्प्यूटरीकृत सिस्टम का उपयोग करके नमूना कढ़ाई भी तैयार की।
समापन सत्र में प्रतिभागियों के साथ फीडबैक साझा किया गया और सभी को ई-प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ. सलमा शहीन, प्राचार्या वीमेन्स पॉलिटेक्निक, और प्रो. मुजीब अहमद अंसारी, प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी, कम्युनिटी कॉलेज ने किया। डॉ. शीबा मंजूर (ओएसडी, सीडी एंड डीएम सेक्शन) सह-संयोजक रहीं। आयोजन सचिव सादिया नईम ने पूरे कार्यक्रम का समन्वय किया, जिसमें समिति के सदस्य डॉ. शीबा कमाल, फौजिया खान और इकरा सलीम का सहयोग रहा।
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एएमयू के सीसीएईई में दंत स्वच्छता पर व्याख्यान आयोजित
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर कंटीन्यूइंग एंड एडल्ट एजुकेशन (सीसीएईई) में दंत स्वच्छता पर डॉ. मोहम्मद असदुल्लाह (विभाग- ओरल पैथोलॉजी) ने व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ. असदुल्लाह ने दांतों और मुख की सेहत बनाए रखने के लिए जरूरी आदतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दिन में दो बार फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करने, हर तीन महीने में टूथब्रश बदलने, गुटखा, पान मसाला और पान जैसे तंबाकू उत्पादों से बचने तथा मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने नियमित दंत परीक्षण और संतुलित आहार को भी दांतों में कीड़े लगने और सड़न रोकने के लिए आवश्यक बताया।
सत्र के दौरान डॉ. असदुल्लाह ने दांत दर्द से पीड़ित प्रतिभागियों की वहीं जांच कर आवश्यक दवाइयां लिखीं। कार्यक्रम अत्यंत संवादात्मक रहा और प्रतिभागियों ने मुख की देखभाल और रोकथाम संबंधी व्यावहारिक जानकारी हासिल की।
कार्यक्रम का समापन सीसीएईई के निदेशक डॉ. शमीम अख्तर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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एएमयू शिक्षक “श्रेष्ठ गुरु सम्मान” से सम्मानित
अलीगढ़, 18 सितंबरः अलीगढ़ हेल्पलाइन फाउंडेशन द्वारा कृष्णा इंटरनेशनल स्कूल, रामघाट रोड में आयोजित “श्रेष्ठ गुरु सम्मान” समारोह में एएमयू एबीके हाई स्कूल बॉयज की शिक्षक डॉ. लक्ष्मी को सम्मानित किया गया। वे 2013 से इस स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ. लक्ष्मी को शिक्षा और कला के क्षेत्र में उनके समर्पित योगदान और छात्रों को प्रेरित करने एवं मार्गदर्शन देने के लिए यह सम्मान दिया गया।
समारोह के अवसर पर डॉ. लक्ष्मी ने कहा कि शिक्षकों का काम केवल किताबों से ज्ञान देना नहीं है, बल्कि बच्चों को जीवन के बारे में प्रेरित करना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देना भी है। बच्चे भोले होते हैं और कभी-कभी रास्ता भटक सकते हैं, इसलिए हमें उन्हें प्यार और देखभाल के साथ समर्थन देना चाहिए।
इस कार्यक्रम में अलीगढ़ जिले के 55 प्रतिष्ठित शिक्षकों को उनके शिक्षा और समाज के प्रति उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 17 अक्टूबर को आयोजित होने वाले सर सैयद दिवस समारोह की तैयारियाँ शुरू
अलीगढ़, 18 सितम्बरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 17 अक्टूबर को होने वाले सर सैयद दिवस समारोह की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। यह विश्वविद्यालय का सबसे प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन है। तैयारियों की समीक्षा और अंतिम रूप देने के लिए आज कुलपति प्रो. नइमा खातून की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस हॉल में परामर्श बैठक आयोजित हुई।
प्रो. नइमा खातून ने कहा कि इस वर्ष का समारोह बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी पारंपरिक कार्यक्रम शामिल रहेंगे। मुख्य समारोह गुलिस्तान-ए-सैयद में होगा और इसे लाइव वेबकास्ट किया जाएगा, जिससे अलीग बिरादरी की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
सर सैयद अकादमी और मौलाना आजाद लाइब्रेरी मिलकर सर सैयद हाउस में विशेष प्रदर्शनी का आयोजन करेंगे, जिसमें सर सैयद के लेखन, दुर्लभ पुस्तकें, चित्र, निजी वस्तुएँ और खूबसूरत खुशखती प्रदर्शित की जाएंगी। समारोह में विशिष्ट व्यक्तियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा।
परंपरा के अनुसार, एएमयू की ऐतिहासिक इमारत को रोशनी से प्रज्जवलित और छात्रावासों में पारंपरिक डिनर का आयोजन होगा।
बैठक में एएमयू के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान, रजिस्ट्रार प्रो. आसिम जफर, विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी और शिक्षक भी मौजूद रहे। सभी ने सर सैयद अहमद खान की सोच और विरासत को बड़े सम्मान और उत्साह के साथ मनाने की प्रतिबद्धता दोहराई















